ताले में बंद ‘आरओ का शुद्ध पानी’

बांदा,संवाददाता। 45 डिग्री तापमान में ‘ए’ श्रेणी रेलवे स्टेशन में यात्रियों को पीने के लिए शुद्ध ठंडा पानी नहीं मिल रहा है। यहां 52 लाख लागत से लगाए गए दो वाटर प्वाइंट दो साल से बंद हैं।

दूसरी तरफ स्टेशन के 32 हैंडपोस्ट नलों से खौलता पानी निकल रहा है। मजबूरन भीषण गर्मी में यात्रियों को 20 रुपये की पानी की बोतल खरीदकर गला तर करना पड़ रहा है।

स्थानीय रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन दिल्ली, मुंबई, हावड़ा सहित लखनऊ, ग्वालियर, वाराणसी, कानपुर, इंदौर, बरौनी आदि महानगरों के लिए आधा दर्जन से अधिक एक्सप्रेस व कई मेमू ट्रेनें गुजरती हैं।

10 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। लेकिन यात्रियों को पीने के लिए शुद्ध ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा। वर्ष 2019 में आईआरसीटीसी के सहयोग से प्लेटफार्म नंबर-एक में दो वाटर प्वाइंट बनाए गए थे।

शुद्ध आरओ का ठंडा पानी एक रुपये में 300 एमएल, 3 रुपये में 500 एमएल, 5 रुपये में एक लीटर व 20 रुपये में पांच लीटर पानी मिलता रहा है। वाटर प्वाइंट एक साल चलने के बाद बंद हो गए।

तब से ताले में बंद हैं। वाणिज्य निरीक्षक अनूप सक्सेना का कहना है कि बिजली के बिलों को लेकर इनका विवाद चल रहा है। झांसी मंडल के सभी स्टेशनों के वाटर प्वाइंट बंद चल रहे हैं।

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