ओमीक्रोन के ‘वंशानुगत स्वरूपों’ पर कड़ी नजर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के ‘कई वंशानुगत स्वरूपों’ पर नजर रख रहा है। इनमें दो सब-वेरिएंट भी शामिल हैं। वंशानुगत स्वरूपों में प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलने की क्षमता के साथ म्यूटेशंस होते हैं।

डब्ल्यूएचओ द्वारा मंगलवार को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमीक्रोन दुनियाभर में संक्रमण का प्रमुख वेरिएंट बना हुआ है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, हम इन सब-वेरिएंट के गुण व दोषों और जन स्वास्थ्य पर इनके असर का आकलन करने के लिए वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वैश्विक स्वास्थ्य संगठन जहां तक संभव हो देशों में निगरानी जारी रखने और सार्वजनिक रूप से उपलबध डाटाबेस पर आंकड़े तेजी से साझा करने की सिफारिश करता है।

दुनियाभर में ओमीक्रोन के तेज गति से फैलने के कारण मिश्रित स्वरूप सामने आएंगे। इसकी उम्मीद की जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, हम बीए.1, बी.2, बीए.3 के साथ-साथ अब बीए.4 और बीए.5 समेत ओमीक्रोन के कई अन्य संभावित वंशानुगत स्वरूपों पर नजर रख रहे हैं।

इसमें बीए.1 और बीए.2 का मिलाजुला एक्सई सब-वेरिएंट भी शामिल है। कुछ देशों में बीए.4 और बीए.5 के मिलेजुले सब-वेरिएंट का पता चला है। दोनों के स्पाइक रीजन में अतिरिक्त म्यूटेशंस हैं। इन म्यूटेशंस में प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलने की क्षमता है।

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