विधान परिषद सदस्य ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

कुरारा-हमीरपुर। प्रदेश के वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से आहत सदस्य विधान परिषद राजबहादुर सिंह चंदेल ने मामले को संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री को इस व्यवस्था में सुधार हेतु पत्र लिखा है।

श्री चंदेल ने अपने पत्र में लिखा कि वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य को बोर्ड परीक्षा 2022 में केंद्र व्यवस्थापक के पद से हटाकर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक बनाए जाने से संबंधित पूर्व में वर्ष 2011 में एक शासनादेश निकालकर वित्तविहीन व्यवस्था में संचालित विद्यालयों में भी परीक्षा केंद्र बनाने का निर्णय लिया था।

जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि विद्यालय के प्रधानाचार्य को ही केंद्र व्यवस्थापक का दायित्व सौंपा जाएगा किंतु परीक्षा की शुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उनके साथ राजकीय अथवा सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापक अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक का दायित्व संभालेंगे तदनुसार अब तक परीक्षा का संचालन सफलतापूर्वक चलता रहा है।

संज्ञान में आया है कि प्रदेश सरकार ने अपने पूर्व में निर्गत शासनादेश को विखंडित किए बगैर ही व्यवस्था में सुविधा अनुसार संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि वित्तविहीन विद्यालय के कार्यरत प्रधानाचार्य केंद्र व्यवस्थापक नहीं रहेंगे और वाह्यअतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक को ही केंद्र व्यवस्थापक का दायित्व सौंपा जाएगा तथा यह भी कहा गया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के दायित्व का निर्वहन करेंगे।

इस आदेश के निर्गत होने से वित्तविहीन व्यवस्था के प्रधानाचार्य को केंद्र व्यवस्थापक के दायित्व से मुक्त करना उनके प्रति अविश्वास प्रकट करते हुए उन्हें अपमानित करना है।

संपूर्ण शिक्षा जगत में इस प्रकार के आदेश का सम्मान असमानता एवं आक्रोश को जन्म देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पूर्व से संचालित व्यवस्था को बनाए रखने की अनुकंपा करें।

उक्त पत्र में रामबाबू शास्त्री पूर्व सदस्य विधान परिषद, चेत नारायण सिंह पूर्व सदस्य विधान परिषद, देव स्वरूप त्रिवेदी, महेंद्रनाथ राय तथा प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश प्रसाद व्यास के हस्ताक्षर हैं।

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