मोदी जी ये बुंदेलों का लहू है, स्याही न समझना : तारा पाटकर

मोदी को खून से खत लिखकर बुंदेलों ने दी जन्मदिन की बधाई

महोबा। “मोदी जी, ये बुंदेलों का लहू है, इसे स्याही न समझना। हम आपके अपने हैं पराया न समझना।” आपको जन्मदिन की असीम बधाइयां।

आज आल्हा चौक के अंबेडकर पार्क में बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने खून से खत लिखकर इस प्रकार जन्मदिन की बधाई दी।

बारिश की फुहार के बीच उनके एक दर्जन सहयोगियों ने भी मोदीजी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए अपना खून दिया एवं खत लिखे।

पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर आल्हा चौक में लगातार 635 दिन अनशन कर चुके बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने अपने सहयोगियों के साथ आज 22वीं बार प्रधानमंत्री को अपने खून से खत लिखा।

संगठन के महामंत्री डा. अजय बरसैया ने लिखा, मोदी सर, विश्वकर्मा जयंती पर आपको जन्मदिन की असीम बधाइयां। आप पर गोरखेश्वर महादेव की कृपा हरदम बरसे। आप हमेशा स्वस्थ रहें।

बुंदेलखंड की जनता आपसे बहुत प्यार करती है, इसीलिए उसने लोकसभा, विधानसभा चुनावों में सारी सीटें आपकी झोली में डाल दी।

सिजहरी गांव के हरिओम निषाद ने लिखा कि अब आप भी हम बुंदेलों की भावनाओं का सम्मान कीजिए एवं जल्दी से जल्दी बुंदेलखंड राज्य बना दीजिए।

रमाकांत नगायच ने अपने खून से लिखे खत में कहा कि मोदीजी बुंदेलखंड को खनन हब बनने से बचाइए। हमारी नदियों, पहाड़ों व जंगलों का विनाश रुकवाइए वरना हम बुंदेले तबाह हो जाएंगे।

देश का सबसे अच्छा पर्यटन तीर्थ बुंदेलखंड बर्बाद हो जाएगा। प्रहलाद पुरवार ने मोदी जी से बकस्वाहा जंगल बचाने की गुहार लगाई तो खुर्शीद आलम ने 23 लाख पेड़ों की बलि देने वाली केन बेतवा नदी परियोजना के शिलान्यास को रोकने की अपील की।

इसी प्रकार पूर्व सभासद प्रेम साहू, ग्यासी लाल कोस्टा, सुरेश बुंदेलखंडी, वीरेन्द्र अवस्थी, अमरचंद विश्वकर्मा, जसवंत सिंह सेंगर, सुरेन्द्र शुक्ला, प्रेम चौरसिया, डा. जीतेंद्र शुक्ला, पंकज चौरसिया व हरगोविंद ने भी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने के लिए अपने खून से खत लिखा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker