कुपोषण उन्मूलन है लक्ष्य आजादी के अमृत महोत्सव में

 क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो, द्वारा प्राथमिक विद्यालय रघवा में आयोजित किया  जन-जागरूकता कार्यक्रम।

पोषण माह व आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित प्रश्नोत्तरी में पुरस्कृत हुए 15 लोग

हमीरपुर। कुपोषण उन्मूलन एक जन-आंदोलन के रूप में शुरू हुआ है इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव में।

इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो, बांदा द्वारा आज शहर के जीजीआईसी में एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  

लोगों विशेषकर स्कूली बच्चों को सही पोषण व आहार की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें आजादी के अमृत महोत्सव व इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में कार्यक्रम में प्रमुखता से बताया गया।

इस अवसर पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कर सही जवाब देने वाले 15 बच्चों को पुरस्कृत किया गया। बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम व आजाद भारत के महत्व के बारे में भी रुचिकर तरीके से बताया गया। 

कार्यक्रम में अपने संबोधन में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव त्रिपाठी ने कहा कि इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव में सितंबर महीने में देश भर में पोषण माह को एक जन-आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है।

कुपोषण उन्मूलन समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। एक सुपोषित समाज से ही संभव होता है एक सशक्त देश का निर्माण।

सिर्फ जन-आंदोलन व जन भागीदारी से ही मिटाया जा सकता है कुपोषण। जिससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं हमारे देश के नौनिहाल। साथ ही क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का ध्येय है कि देश को हर हाल में कुपोषण से मुक्ति किया जाए।

इसी उद्देश्य से इस वर्ष कुपोषण माह की थीम है ‘सही पोषण-देश रोशन’।   ग्राम प्रधान, रघवा, प्रियंका निषाद  ने कहा कि पोषण के पांच मुख्य सूत्र हर किसी को जानना चाहिए। यह हैं जीवन के प्रथम 1000 दिवस जिन्हें हम ‘स्वर्णिम दिन’ भी कहते हैं।

इसमें पोषण का बहुत ही महत्व है। दूसरा सूत्र है कि हमें समुचित पोषित भोजन के महत्व को हर आयु वर्ग को बताना होगा। साथ ही तीसरा सूत्र कहता है रक्त में लौह की कमी किसी में भी न होने पाए। पोषण का चौथा सूत्र है डायरिया की रोकथाम।

पांचवां सूत्र है स्वच्छता। यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस वर्ष पोषण माह दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनकी मानीट्रिंग करना। साथ ही पोषण वाटिका को बढ़ावा देना।  

कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी देवेंद्र गांधी ने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव में हमारी युवा पीढ़ी को अपने महान क्रांतिकारियों के बलिदान और संघर्षों के बारे में अवश्य जानना चाहिए।

आजाद भारत का असल अमृत है कुपोषण मुक्त समाज।  साथ ही कहा कि हम इस पुण्य अवसर पर देश के महान स्वाधीनता संग्राम में अपने आपको आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाले सभी महान विभूतियों को कोटि कोटि नमन व वंदन करते हैं।

कार्यक्रम में हुई प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता हैं सपना, पूजा कुमारी, धनंजय, सपना, सूरज, देवेश, सिया दुलारी, तृप्ति, कामिनी, शशि, अंजाना, मिहिर, अनिल पाल, रैना तथा प्रियंका।

कार्यक्रम में मंत्रालय के पंजीकृत नारायण पपेट ग्रुप, लखनऊ,  द्वारा विभिन्न कठपुतली के कई लघु नाटक दिखा लोगों का मनोरंजन किया गया व कठपुतलियों व उनके संवादों के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव और पोषण माह के बारे में लोगों को बताया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित लोग थे विभाग के तकनीकी सहायक एके विश्वकर्मा व अन्य।

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