गबन के आरोपी सहायक प्रबंधक की जमानत अर्जी
हमीरपुर। पंजाब नेशनल बैंक शाखा के गबन के आरोपी सहायक प्रबंधक की जमानत अर्जी पर जनपद न्यायाधीश विकार अहमद अंसारी ने सुनवाई की। इस दौरान पुलिस जांच रिपोर्ट व अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद सहायक प्रबंधक की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश शुक्ला ने बताया कि 29 मई को पंजाब नेशनल बैंक शाखा हमीरपुर के शाखा प्रबंधक नागेंद्र सिंह ने सदर कोतवाली में अपने बैंक के सहायक प्रबंधक मोहम्मद आमिर निवासी नूरुल्लाह रोड हाजी नगर इलाहाबाद के विरुद्ध ओवर ड्राफ्ट खाता में तय सीमा 7 लाख से अधिक 38 लाख रुपए अनधिकृत तरीके से निकाल लेने की तहरीर कोतवाली में दी थी।
जिस पर कोतवाली में मोहम्मद आमिर के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने सहायक प्रबंधक मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में है।
दौरान जांच में 420 की धारा बढ़ाई गई। सहायक प्रबंधक मोहम्मद आमिर की जमानत अर्जी पर जनपद न्यायाधीश विकार अहमद अंसारी ने सुनवाई की।
इस दौरान उन्होंने अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के साथ ही पुलिस जांच का बारीकी से अवलोकन करने के बाद पीएनबी के सहायक प्रबंधक मोहम्मद आमिर की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
कोरोना काल में अनाथ हुए बालक के सामने अब जीविकोपार्जन का संकट,विधायक ने हर संभव सहायता का दिया आश्वासनराठ(आरएनएस)| कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में अपने माँ बाप गवां चुका नाबालिग अब जीविकोपार्जन के लिये दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
जिसपर बीती शाम उसने अपने नाना व मामा के साथ विधायक प्रतिनिधि से मिल अपनी आपबीती बताकर शासन स्तर से सहायता दिलाये जाने की मांग की।
नगर के मुहाल कोटबाजार निवासी कक्षा आठ में पढ़ रहे उत्कर्ष वर्मा (13) पुत्र राजाराम ने बताया कि कोरोना काल में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर उसके पिता व मां सविता मृत्यु हो गयी।जिससे उसके सामने भोजन सहित पढ़ाई इत्यादि की समस्या पैदा हो गयी।
इस दुःख की घड़ी में उसके परिजनों ने भी उससे किनारा कर लिया।वह दिन में दूसरों द्वारा दिये गये खाद्य पदार्थों को खाकर जैसे तैसे जीवन काट रहा था।कभी कभी उसे दिन में एक बार ही खाना मिलता तो कभी बिना खाये ही दिन गुजरना पड़ता था।
जिसकी जानकारी होने पर तंगहाली में जीवन जी रहे उसके एमपी के निवाड़ी जिला के ग्राम नैंगवां निवासी नाना रामधुन राजौरिया व मामा ने उसकी कुछ सहायता की।लेकिन अब उसके सामने अपनी पढ़ाई के साथ भविष्य की चिंता सताने लगी।
जिस पर बीती शाम उत्कर्ष ने अपने नाना व मामा के साथ विधायक कार्यालय पहुंच वहां मौजूद विधायक प्रतिनिधि भरत अनुरागी से मिल शासन स्तर पर आर्थिक सहायता दिलाये जाने की मांग की।जिसे गंभीरता से लेते हुए विधायक प्रतिनिधि ने उच्चाधिकारियों से बात कर उसकी हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया।