ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा को राहत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को मई 2020 में सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने के बावजूद नवंबर 2021 तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा।

इस दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि आगे संजय मिश्रा को कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा। सरकार कार्यकाल को बढ़ा सकती है। उसके पास यह शक्ति है, लेकिन इसे केवल असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए।


सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को सेवा विस्तार देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जस्टिस नागेश्वर राव की पीठ ने याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा और उन्हें अपना पक्ष लिखित में रखने को कहा।

याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज ने कहा है कि मिश्रा को अब कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि वह पहले ही अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और एक विस्तार भी मिल चुका है। ऐसे गैरकानूनी विस्तारों से ईडी निदेशक कार्यालय की स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा।


याचिकाकर्ता ने 13 नवंबर 2020 को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें मिश्रा का कार्यकाल संशोधन कर एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया। कहा गया है कि मिश्रा का सेवा विस्तार प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मजाक है ।

विनीत नारायण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार ने 2019 के आदेश को संशोधित किया है और सेवा विस्तार की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष किया है। इसके बावजूद मई 2020 में सेवानिवृत्त होनेवाले अधिकारी को 2021 तक फिर से नियुक्त किया गया है।

संगठन ने पूछा है कि क्या सरकार नियमों और सांविधानिक जनादेश का उल्लंघन कर सकती है।  केंद्र सरकार प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार और अन्य के केस में दिए गए दिशानिर्देशों से बाध्य है और सेवा विस्तार आगे नहीं दिया जा सकता।

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