कोलकाता रेप-मर्डर मामले में दोषी संजय रॉय को मौत की सजा देने की मांग, HC पहुंची ममता सरकार
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बलात्कार और हत्या का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस केस में संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के सियालदह अदालत के फैसले के खिलाफ एचसी का दरवाजा खटखटाया है। वकील किशोर दत्ता ने दोषी संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए खंडपीठ के न्यायाधीश देबांगशु बसाक का रुख किया। मामला दर्ज करने की इजाजत मिल गई है। इससे पहले, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले पर गहरी नाराजगी और हैरानी जताई थी। सोमवार को अदालत का फैसला आने के बाद उन्होंने कहा कि यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में से एक था और यह निर्णय इस दृष्टिकोण से बिल्कुल मेल नहीं खाता कि आरोपी को कड़ी सजा दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला बेहद निराशाजनक था। इस मामले को दुर्लभतम मामलों में गिना जाना चाहिए था, जिसमें दोषी को सख्त सजा मिलनी चाहिए। सीएम बनर्जी का यह बयान उस समय आया, जब अदालत ने महिला डॉक्टर की हत्या में दोषी ठहराए गए अपराधी सिविक वालंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। संजय रॉय पर आरोप था कि उसने अगस्त 9 2024 को आरजी कर अस्पताल में कार्यरत 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी। सियालदह दीवानी एवं फौजदारी न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनुरागन दास ने महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में कोलकाता पुलिस के संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई।
यह वास्तव में दुर्लभ से दुर्लभतम मामला: ममता बनर्जी
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि यह वास्तव में दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है, जिसके लिए फांसी की सजा दी जानी चाहिए थी। अदालत ने कैसे यह निष्कर्ष निकाला कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं था?’ वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी कहा कि इस मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘दोषी को फांसी दी जानी चाहिए क्योंकि उसने जघन्य अपराध किया है। निर्भया बलात्कार मामले के दौरान भी हमने ऐसे अपराधियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी।’