दादा भाई नौरोजी जीवन भर देश प्रेमी रहे:डा० भवानी दीन

हमीरपुर। कस्बा सुमेरपुर में वर्णित संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अंतर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत भारतीय राजनीति के पितामह दादाभाई नौरोजी की जयंती  पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संस्था के अध्यक्ष डा भवानीदीन ने कहा कि  दादा भाई नौरोजी मा भारती के एक ऐसे समर्पित सपूत थे,जो जीवन भर देशसेवी रहे, वे देश के लिये हमेशा निष्ठावान रहे, दादा साहब के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।

दादा भाई नौरोजी का जन्म 4 सितंबर 1825 को बंबई, नवसारी मे हुआ था,इनके पिता का नाम पंलन्जी दोर्दी था और मा थी मानेक्बाई।

नौरोजी जब चार साल के थे, पिता नहीं रहे, मा ने न केवल परवरिश की अपितु अच्छी शिक्षा दिलायी।दादा साहब 20 वर्ष की उम्र मे एलफिन्स्टन कालेज मे गणित के प्रोफेसर हो गये, दादा साहब कई बार ब्रिटेन आये गये, ब्रिटेन मे 1867 में गुजराती भाषा के प्रोफेसर हो गये,1882 मे ये ब्रिटिश संसद के लिये चुने गये, ये पहले एशियाई सांसद बने, नौरोजी का राजनीति में प्रवेश हो गया।

दादा भाई नौरोजी ने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की नींव रखी,गांधी जी ने ब्रिटेन में स्वयं नौरोजी से शिक्षा ग्रहण की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन बार अध्यक्ष बने,दादा भाई नौरोजी का बहुआयामी व्यक्तित्व था।

एक अंग्रेज ने दादा भाई टके बारे मे कहा था कि दादा भाई नौरोजी भारत की आशा हैं। कालांतर में 30 जून  1917 को नौरोजी साहब का निधन हो गया, कार्यक्रम मे अवधेश कुमार गुप्त एडवोकेट ,राजकुमार सोनी सर्राफ, अशोक अवस्थी, कल्लू चौरसिया, रमेशचंद्र गुप्ता, गौरीशंकर गुप्ता, राधेश्याम, अरविन्द चंदेल और अभिलाष पटेल आदि उपस्थित रहे।

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