अवनीश को अब तक मिल चुके हैं 7 विश्व स्तरीय पुरस्कार

हमीरपुर। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती वह अपना स्थान खुद ही ढूंढ लेती है और सबके सामने आकर सबको चकाचौंध कर देती है। कुछ ऐसी ही एक प्रतिभा है जनपद के एक छोटे से गांव बरौली खरका के प्रसिद्ध  अंतरराष्ट्रीय आर्टिस्ट अवनीश विश्कर्मा। अवनीश एक साधारण परिवार से है।

अवनीश के दिलो दिमाग में बचपन से ही आर्टिस्ट बनने का सपना था। जिसके लिए उन्होंने खुद से ही प्रयास करना शुरू कर दिया था। अवनीश बताते हैं कि उन्होंने खुद को 18 साल खुद को इतना व्यस्त रखा है । कि कुछ और सोचने का समय ही नहीं मिला है ।

हमेशा डिजाइनर फर्नीचर बनाना , टेक्निकल फर्नीचर ये सब सीख लिया 20 की उम्र तक आते आते। वो खुद को  हर चीज के काबिल बनाने में व्यस्त थे ।

बताते हैं कि तभी  2018 में उनके बचपन के मित्र प्रकाश राजपूत ने उन्हें एक नरेंद्र राजपूत (शिक्षक) से मिलवाया । उन्होंने अवनीश को अपने हुनर का प्रदर्शन गांव से बाहर निकलकर करने के लिए प्रेरित किया ।

और स्वामी ब्रह्मानंद जी की एक छवि तैयार करने को बोला। जिससे वो अवनीश को बाहरी दुनिया में प्रदर्शित कर सकें। अवनीश की इस कला को खूब सम्मान मिला । 

अवनीश बताते हैं कि इस काम मे उन्हें खूब सम्मान और गौरव की अनुभूति हुई। इसके बाद उन्होंने , अजमेर , बेतुल ,इंदौर, राजस्थान ,राजकोट ,दिल्ली, मुंबई , सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियो में हिस्सा लिया ।

और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड अपने नाम किये । अवनीश ने 2019 से लेकर 2021 तक 3 सालों में  5 राष्ट्रीय रिकॉर्ड और  2 विश्व रिकॉर्ड  भी बनाये है । उन्होंने दर्जनों ऐसी पेंटिंग बनाई है जिन्हें देखकर दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएं।

बताया कि वो हमेशा वास्तविकता , अंतरिक्ष विज्ञान , प्रकृति और महापुरुषों पर शोध करने के बाद ही किसी एक टॉपिक पेंटिंग बनाते है । जिसमे उनके बारे में सम्पूर्ण जानकी एकत्रित होती है।

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