मिलेनियल्स में तेजी से बढ़ रहा है अपेंडिक्स कैंसर का खतरा

अपेंडिक्स कैंसर के बारे में हम कम ही बात करते हैं। दरअसल, आम धारणा है कि अपेंडिक्स हमारे शरीर का बेकार हिस्सा है, जिसकी हमें जरूरत नहीं और इससे जुड़ी एकमात्र समस्या अपेंडिसाइटिस हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में एक ताजा स्टडी में पता चला है कि 50 से कम उम्र के लोगों में अपेंडिक्स कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।

जी हां, इस स्टडी में पता चला है कि जेन एक्स और मिलेनियल्स में अपेंडिक्स कैंसर होने का रिस्क चार गुणा ज्यादा है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण और कारणों को जानें, ताकि वक्त पर इसकी पहचान की जा सके। आइए जानें कैसे होते हैं इसके लक्षण और इसके कारण क्या हैं।

अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण कैसे होते हैं?
अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण कई बार बिल्कुल भी साफ नहीं होते हैं और अक्सर तब तक नहीं दिखाई देते जब तक कैंसर फैलना शुरू नहीं हो जाता। कई मामलों में, इसका पता गलती से चलता है, जब मरीज का किसी अन्य समस्या, जैसे अपेंडिसाइटिस या पेल्विक सर्जरी, के लिए ऑपरेशन होता है।
पेट में दर्द- यह सबसे आम लक्षण है। दर्द अक्सर पेट के दाईं ओर निचले हिस्से में होता है, जहां अपेंडिक्स स्थित होती है। यह दर्द हल्का, स्थिर या फिर तेज और ऐंठन जैसा हो सकता है।
पेट का फूलना और सूजन- पेट में बार-बार फूलना या सूजन महसूस होना एक अहम संकेत हो सकता है। जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है या कैंसर फैलता है, यह सूजन और साफ हो सकती है।
एसाइटिस- पेट में प्लूड का जमा होने की वजह से पेट सख्त और बढ़ा हुआ लग सकता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
मतली और उल्टी- बिना किसी कारण के लगातार मतली आना या उल्टी होना।
भूख में कमी- अचानक वजन कम होना और बिना किसी कारण भूख न लगना।
मल त्याग में बदलाव- लंबे समय तक कब्ज या दस्त की शिकायत होना।
अपेंडिसाइटिस जैसे लक्षण- कई बार ट्यूमर की वजह से एक्यूट अपेंडिसाइटिस के लक्षण, जैसे- तेज दर्द, बुखार आदि दिखाई देते हैं।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि ये सभी लक्षण कई अन्य सामान्य और कम गंभीर बीमारियों जैसे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), इन्फेक्शन, या सूजन संबंधी बीमारियों में भी देखे जा सकते हैं।

अपेंडिक्स कैंसर के कारण क्या हैं?
अपेंडिक्स कैंसर के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से पता नहीं हैं। यह तब शुरू होता है जब अपेंडिक्स के सेल्स के डीएनए में म्यूटेशन होते हैं। इसके कारण सेल्स अनियंत्रित रूप से तेजी से बढ़ने और डिवाइट होने लगते हैं और ट्यूमर बना लेती हैं।

अपेंडिक्स कैंसर के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?
उम्र- अपेंडिक्स का कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 40-50 वर्ष की उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है।
लिंग- पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसके होने की संभावना थोड़ी ज्यादा देखी गई है।
स्मोकिंग- सिगरेट और तंबाकू अपेंडिक्स कैंसर के जोखिम को बढ़ा देते हैं।
पारिवारिक इतिहास- ऐसे परिवार जिनमें एक से ज्यादा सदस्यों को अपेंडिक्स कैंसर हुआ हो, उनमें इसका जोखिम बढ़ सकता है।
कुछ हेल्थ कंडीशन- ऐसा माना जाता है कि पेरिटोनियल कार्सिनोमैटोसिस या न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी स्थितियां भी इसके रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं।

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