डिप्रेशन का खतरा बढ़ा सकता है जरूरत से ज्यादा मोटापा

मोटापा आज वैश्विक समस्या बन चुका है। कई पूर्व अध्ययनों में इस बात के सबूत दिए गए हैं कि वजन का बढ़ना कई गंभीर बीमारियों की वजह बनता है। अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि उच्च बीएमआई अवसाद की गंभीरता से जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अधिक वजन वाले लोगों में अवसाद का जोखिम भी ज्यादा होता है। 

यह अध्ययन ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। बड़े पैमाने पर किए गए इस अध्ययन में और अधिक सबूत मिले हैं कि जैसे जैसे मोटापा बढ़ता है, अवसाद का खतरा भी बढ़ता जाता है। उन्होंने कहा कि उच्च बीएमआई न केवल शारीरिक, बल्कि सामाजिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करता है।

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिक वजन वाले या मोटापे के शिकार लोगों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा तो होता ही है, इसके साथ ही जो नई बात इस अध्ययन में सामने आई है वो यह है कि ऐसे लोगों में भलाई की भावना भी कम होती जाती है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर मोटापे के खतरे सर्वविदित हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह पता लगाने का प्रयास किया कि अधिक वजन होने से मानसिक स्वास्थ्य पर किस प्रकार का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।  

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