1 लाख रुपए 3 साल में बन गए 1 करोड़ 4 लाख

Covid Mahamari का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है और Lockdown भी धीरे-धीरे हटने लगा है। Lockdown से अर्थव्यवस्था मे आई सुस्ती भी तेजी से छंट रही है और डोमेस्टिक और विदेशी संस्थागत निवेशक शेयर बाजार में मन लगाकर निवेश कर रहे हैं। शेयर बजार में आने वाले कुछ समय मे उतार-चड़ाव की संभावना जरूर है।

किन्तु लंबी अवधि के नजरिए से यह शेयर बाज़ार मे निवेश करने के लिए उपयुक्त समय है। शेयर बाजार में निवेश पर लम्बे समय में जहां एक और अच्छे मुनाफे की उम्मीद की जा सकती है। वहीँ इसमें जोखिम भी है। इसलिए Mutual Fund के जरिये शेयर बाजार में भागीदारी फायदेमंद साबित हो सकती है।

क्योंकि Mutual Fund को इस काम में निपुण लोग मैनेज करते हैं।  वर्ष 2009 से 2013 के बीच जहां लार्जकैप शेयरों के इंडेक्स Nifty 100 टोटल रिटर्न इंडेक्स ने 131 प्रतिशत का रिटर्न दिया। वहीँ निफ़्टी मिडकैप 150 टोटल रिटर्न इंडेक्स ने 150 प्रतिशत और निफ़्टी स्मालकैप 250 टीआरआई ने 112 प्रतिशत का रिटर्न दर्ज किया।

वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के बीच ये रिटर्न क्रमशः 86 प्रतिशत, 194 प्रतिशत और 203 प्रतिशत रहे। वहीँ अगर हम वर्ष 2018 से 2020 की बात करें तो जहां लार्जकैप इंडेक्स ने 34 प्रतिशत और मिडकैप इंडेक्स ने 11 प्रतिशत का मुनाफा दर्ज कराया। वहीं स्मालकैप इंडेक्स ने 14 प्रतिशत घाटा दर्ज किया। इससे पता चलता है कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग मार्केट कैप वाले शेयर दूसरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप फण्ड अपने नाम के अनुरूप मुख्य रूप से दिग्गज कंपनियों, मझोली कंपनियों और छोटी कंपनियों के शेयरों मे निवेश करते हैं। जबकि Flexicap फण्ड एक से अधिक तरह की मार्केट कैप वाली कम्पनियों के शेयरों मे निवेश कर सकते हैं यानि कि इस कैटेगरी के फण्ड का निवेश लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप सभी तरह के शेयरों मे हो सकता है।

साथ ही फ्लेक्सी कैप फण्ड सभी सेक्टर में निवेश कर सकते हैं जिससे फण्ड मैनेजर के पास असीमित विकल्प मौजूद रहते हैं। जहां एक और कई फ्लेक्सीकैप कैटेगरी में पहले से है कई फण्ड मौजूद हैं। वहीँ इस कैटेगरी की सफलता और जरूरत को देखते हुए एक के बाद एक नए फण्ड लॉन्‍च हो रहे हैं।

यह फण्ड वर्ष 2018 में लांच हुआ था। हालांकि इसका पुराना नाम आदित्य बिरला सन लाइफ इक्विटी फण्ड (Aaditya Birla Sun Life Equity Fund) था किन्तु 2020 में जब सेबी ने फ्लेक्सीकैप कैटेगरी लॉन्‍च की तब इसका नाम बदल कर आदित्य बिरला फ्लेक्सीकैप कर दिया।

अगर किसी निवेशक ने शुरुआत में इस फण्ड में 1 लाख रुपया निवेश किया हो तो तो आज लगभग एक करोड़ 4 लाख बन गया होता यानि की 105 गुना बढ़त। फण्ड मैनेजर इस स्कीम में टॉप डाउन एप्रोच का अनुसरण करके अर्थव्यवस्था को देखते हुए सेक्टर का चुनाव करते हैं और फिर बॉटम उप एप्रोच के आधार पर जिन कंपनियों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है, मजबूत प्रबन्धन, अच्छी ग्रोथ की उम्मीद और सही मूल्यांकन वाली कंपनियों के शेयर चुनते हैं।

फण्ड मैनेजर की दूरदर्शिता और सही निर्णयों की बदौलत यह फण्ड निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिलाने में कामयाब रहा है। पांच साल या उससे अधिक अवधि के नजरिए से इस कैटेगरी के फण्ड में निवेश किया जा सकता है। ऐसे निवेशक जो एक डाइवर्सिफाइड फंड में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए फ्लेक्सी कैप फण्ड एक बेहतर विकल्प है।

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