बुजुर्गों की सुरक्षा भगवान भरोसे, अकेले रहने वाले वृद्धों की थाने में सूची नहीं
आलमगंज के चैलीटाल के नयागांव में बुधवार को बुजुर्ग दंपती की हत्या के बाद बुजुर्गों की सुरक्षा संबंधी चिंता खड़ी हो गई है। इससे पहले रामकृष्णा नगर थाने के मदर टेरेसा रोड के पास बुजुर्ग दंपती की घरेलू हिंसा के विवाद में बेटा और बहू ने मिलकर हत्या कर दी थी।
इसके बाद भी थानों के पास अकेले या हिंसा से पीड़ित बुजुर्गों की कोई सूची नहीं है। नतीजन बुजुर्ग अकेले रहते हैं या अपने ही बेटे-बहू से प्रताड़ित होकर मौत को गले लगा लेते हैं। पटना में बुजुर्गों की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
न थाने की पुलिस देखने आती है और न उनके लिए थानों में अलग से रजिस्टर ही है। पूछने पर थानों में यही कहा जाता है कि शिकायत आने पर कार्रवाई की जाती है। गांधी मैदान थाने में पूछने पर कहा गया कि बुजुर्गों की कोई शिकायत ही नहीं आई है और न ही कोई अलग से सूची है।
इसी तरह पीरबहोर थाने में बताया गया कि बुजुर्गों के साथ होने वाली घटनाओं को गंभीरता से लेते हैं और तुरंत न्याय दिलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अकेले रह रहे बुजुर्गों से संबंधित कोई रजिस्टर नहीं है और न ही सूची है।
कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि रजिस्टर है, लेकिन सूची नहीं है। गर्दनीबाग थाने के दारोगा बताते हैं कि रजिस्टर है, लेकिन अभी रजिस्टर कहां रखा है, नहीं पता। सचिवालय थाने का भी यही हाल है।
पाटलिपुत्रा थाने में सबसे अधिक अकेले रहने वाले बुजुर्गों की संख्या है, इसके बाद भी थाने के पास कोई सूची नहीं है।