कोरोना काल में बिक गए 21 हजार खेत, 22 हजार प्लॉट

बांदा,संवाददाता। कोरोना संक्रमणकाल में पूरे देश समेत यूपी की बुरी तरह गड़बड़ा गई अर्थ व्यवस्था का सीधा असर चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा में किसानों और आम लोगों पर भी पड़ा है।

पिछले एक साल से ज्यादा समय से चल रहे महामारी के दौर में बुंदेलखंड के चित्रकूटधाम मंडल में 21 हजार से ज्यादा खेत और 22 हजार से ज्यादा आवासीय मकानध्भूमि बिक गई।

चित्रकूटधाम मंडल समेत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों ने आम आदमी की आमदनी पर ब्रेक लगा दिया। इस दौरान तमाम लोगों को घर खर्च, शादी ब्याह, बीमारी का इलाज आदि के लिए अपनी जमीनें तक बेचनी पड़ रहीं है।

सबसे ज्यादा 6648 खेत बांदा जनपद में बिके। यहां 8391 आवासीय भूमि की भी खरीद फरोख्त हुई। कई दशकों से सूखा, बाढ़ आदि दैवी आपदाओं से जूझते चले आ रहे बुंदेलखंड के सातों जिलों में किसानों की माली हालत की दुर्दशा जगजाहिर है।

सैकड़ों किसान हिम्मत हार कर आत्महत्या तक कर बैठे हैं। यहां जमीनें बिकने और गिरवी रखने की भी पुरानी मजबूरी है। कोरोना महामारी में यह और बढ़ गई। आय के तमाम के जरिए ठप होने से जमीन, मकान बड़ी संख्या में बिके। चित्रकूटधाम मंडल निबंधन विभाग के अभिलेख और आंकड़े इसके गवाह हैं।

मंडल मुख्यालय बांदा में पिछले वित्तीय वर्ष मार्च 2021 तक 6,648 खेत और 8,391 आवासीय भूमि की खरीद फरोख्त हुई। कृषि भूमि में 20 करोड़ 47 लाख 31 हजार और आवासीय बैनामे में 35 करोड़ 83 लाख 49 हजार खरीदारों ने स्टांप शुल्क अदा किया।

563 मकानों की भी बिक्री हुई। बांदा सदर तहसील में 2,174 कृषि और 5,870 आवासीय, बबेरू में 2148 कृषि और 629 आवासीय, अतर्रा में 1,363 कृषि और 1,097 आवासीय और नरैनी में 963 कृषि तथा 795 आवासीय जमीनों के बैनामे हुए। धार्मिक नगरी चित्रकूट में कुल 3,961 कृषि 4,576 आवासीय भूमि बेची गई।

कर्वी तहसील में 2,602 कृषि और 3,738 आवासीय एवं मऊ तहसील में 1,359 कृषि और 838 आवासीय जमीनों की खरीद फरोख्त कोरोना संक्रमणकाल में की गई। हमीरपुर जनपद में कुल 5,915 खेत और 4,233 आवासीय जमीनें बेची और खरीदी गई।

हमीरपुर सदर तहसील में 1,826 कृषि व 1,666 आवासीय, मौदहा में 2,003 कृषि व 873 आवासीय, राठ में 1,157 कृषि 1,479 आवासीय और सरीला तहसील में 929 कृषि भूमि तथा 215 आवासीय भूमि बेची गई। वीरभूमि कहे जाने वाली महोबा की धरती में 4,493 खेत बिक गए। 5,433 आवासीय जमीनें भी बेची गईं।

महोबा सदर तहसील में 1,560 कृषि और 3,877 आवासीय, कुलपहाड़ में 1,954 कृषि और 1,200 आवासीय तथा बुंदेलखंड की कश्मीर कहे जाने वाली कश्मीर 979 कृषि और 356 रिहायशी जमीनें बेची गईं। कोरोना संक्रमणकाल में जहां ज्यादातर विभागों की राजस्व आमदनी ठप रही, वहीं निबंधन विभाग की चांदी रही।

खेत, जमीन, मकान आदि के बैनामों में चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा में निबंधन विभाग को एक अरब 96 करोड़ 51 लाख रुपये से ज्यादा स्टांप शुल्क के रूप में राजस्व हासिल हुआ।

बांदा जनपद में 63.67 करोड़ रुपये, चित्रकूट में 44.03 करोड़ रुपये, हमीरपुर में 43.61 करोड़ रुपये और महोबा में 45.18 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क आदि जुटाया गया। चारों जनपदों में विभिन्न प्रकार के कुल बैनामों की संख्या 45289 रही।

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