नाम से आगे नहीं बढ़ सका रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग
बांदा,संवाददाता। जल संकट से उबरने के लिए रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग पद्धति बेहतर तो है, लेकिन जिले के अफसरों की लापरवाही के चलते इसमें दो फीसदी भी काम नहीं हुआ है। मामले में प्रदेश सरकार भी संजीदा है, लेकिन जिले के सरकारी व अर्द्धशासकीय भवनों में फिलहाल कोई संजीदगी वाला काम नहीं हो सका है।
इस पद्धति में बरसात के पानी को छत से उतारा जाता है, ताकि भूगर्भ जलस्तर में सुधार हो सके। जिले में 1874 सरकारी व अर्द्धशासकीय भवन है। प्रदेश सरकार ने जल संकट को देखते हुए पिछले वर्ष लघु सिंचाई विभाग को रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराए जाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से महज 20 भवनों में ही रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराया गया है।
अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई वृत झांसी ने गत दिनों जूम एप के माध्यम से की गई समीक्षा में जनपद की प्रगति सही न होने पर नाराजगी जाहिर की थी। अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई विभाग को भेजे गए आदेशों में दो दिन के अंदर अवशेष सरकारी व अर्द्धशासकीय भवनों के क्षेत्रफल के अनुसार प्राकलन तैयार कराकर संबंधित विभाग को उपलब्ध कराने और तकनीकी सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए थे।
यह भी कहा था कि यदि कोई सरकारी व अर्द्धशासकीय भवन छूट गया है तो उसे भी सूची में शामिल करें। योजना भारत सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं जाएगी।
संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उधर, अधीक्षण अभियंता के आदेशों के बाद अधिशासी अभियंता ने रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना के लिए विकास खंडवार सात अवर अभियंता व दो सहायक अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।