खेत को नहीं मिलेगा पानी, बांधों के पेट खाली

बांदा,संवाददाता। गर्मी में पानी का संकट बुंदेलखंड और चित्रकूटधाम मंडल की किस्मत में लिख चुका है। यह स्थिति एक बार फिर आ खड़ी हुई है। चित्रकूटधाम मंडल के चारों जनपदों बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में स्थित सभी तेरह बांध और वियर गर्मी के दस्तक देते ही डेड स्टोर यानि पानी से खाली हो गए हैं।

सूखे बुंदेलखंड में अबकी भी लोगों संग किसान जहां खेतों की सिंचाई के लिए पानी को तरसेंगे, वहीं मवेशी और पक्षी भी एक बूंद-बूंद को परेशान होंगे, क्योंकि खेत और पेट को पानी देने वाले मंडल के सभी तेरह बांधों की कोख अभी से सूख गई है।

किसान और मवेशी दोनों को ही इन बांधों से पानी तभी मिलेगा जब मेघा मेहरबान होंगे। चित्रकूटधाम मंडल के सभी 13 बांधोें में पानी का जबरदस्त अकाल हो गया है। कुछ बांध तो पूरी तरह खाली भी हो गए हैं। कुछेक में वहां एक या दो मिलियन घन मीटर पानी बचा है।

अब किसानों और सिंचाई विभाग को बेसब्री से बारिश का इंतजार है, क्योंकि बांधों से तो पानी मिलना मुश्किल ही दिख रहा है। सिंचाई विभाग नहरों के जरिए चित्रकूटधाम मंडल के चारों जनपदों में कई हजार हेक्टेयर खेतों को इन्हीं बांधों से पानी मुहैया कराता है।

बीते कुछ महीनों में छुटपुट बारिश बांधों का कुछ भला नहीं कर सकी। बांधों के जल संग्रह क्षेत्रों (इनकैचमेंट एरिया) में बेहतर बारिश न होने से बांधों तक पानी नहीं पहुंचा। चित्रकूटधाम मंडल के गंगऊ, रनगवां और बरियारपुर जैसे बड़े बांध और वियर में मई माह में ही तलहटी और चट्टानें नजर आने लगीं थीं। अब यह और भी सूख गए हैं।

वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों में भी बांधों की स्थित देखकर मायूसी छाने लगी है। उनका कहना है कि अब तो बारिश से ही बांध भर सकेंगे। तभी अगली फसलों के लिए पानी मिलेगा। बांधों की स्थित देखकर किसान भी काफी चिंतित होने लगे हैं। उनको अपने खेतों की सिंचाई की चिंता अभी से सताने लगी है।

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