हरा भरा बनाने की पर्यावरण संरक्षण समिति की मुहिम मे जुटने लगा कारवां

भरुआ सुमेरपुर। वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वर्ष 2015 में कस्बे को हरा भरा बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण समिति ने एक मुहिम छेड़ी थी. उसका परिणाम यह है कि वर्तमान समय में लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होते हुए अपने जन्मदिन, बच्चों के जन्मदिन, शादी सालगिरह या अपने पूर्वजों के याद में वृक्ष रोपित कर उनको तैयार करने का काम कर रहे हैं.
कस्बे में यह जागरूकता पर्यावरण संरक्षण समिति के सदस्यों द्वारा फैलाई गई. जिसका परिणाम कस्बे में रेलवे स्टेशन, तपोभूमि, मोक्षधाम सहित गली मोहल्लों में वृक्षारोपण के तहत अभी तक करीब 2000 पौधे रोपित किए जा चुके हैं.
जो लोगों को शुद्ध वातावरण के साथ मुफ्त की ऑक्सीजन देने का काम कर रहे हैं और इस कोरोना काल में पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा लगाए गए पौधे लोगों को स्वस्थ और चैतन्य बनाए हुए हैं. कस्बे के निवासी संतोष कुमार कुशवाहा ग्रीनमैन यदा-कदा पौधे रोपित कर उन्हें संरक्षित करने का काम करते थे.
इस मुहिम में कस्बा निवासी सभासद राजेश सहारा टीम में शामिल हुए. इन्होंने कस्बे के हरा भरा बनाने का संकल्प लिया और पर्यावरण संरक्षण समिति बना डाली. जिसका उद्देश्य पौध रोपित कर उन्हें संरक्षित करना था.
यह पर्यावरण प्रेमी कस्बे के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में जुट गए. धीरे धीरे यह अभियान बढ़ता चला गया और लोग पौधा रोपित कर उन्हें तैयार करने की मुहिम में जुड़ने लगे. समिति ने सबसे पहले वृक्षारोपण का अभियान खाली पड़े रेलवे स्टेशन के परिसर में शुरू किया.
जहां पर अब करीब 500 पौधे तैयार होकर लोगों को जहां छाया देने का काम करने लगे है. वहीं पक्षियों के भोजन और रहने की व्यवस्था हो गई है. लोग सुबह शाम इस क्षेत्र में घूमने जाने लगे और लोगों को यह पौधे शुद्ध वातावरण देने का काम कर रहे हैं.
धीरे धीरे समिति का दायरा बढ़ता गया. इसके बाद मोक्षधाम, तपोभूमि, रोटीराम वाटिका सहित केंद्रीय विद्यालय की सड़क के किनारे पौधा रोपित करने का अभियान जारी रखा.
इस अभियान में लोगों को जागरूक करते हुए उनके जन्मदिन, शादी सालगिरह, बच्चों के जन्मदिन आदि कार्यक्रमों में पौधा रोपित कर मनाने का क्रम जारी है और इसका परिणाम यह है कि आज कस्बे के कोने कोने में हरियाली दिखाई दे रही है.
लोग अपने घरों के आसपास पौधा रोपित कर रहे हैं. कस्बे के जागरूक लोग वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण समिति के तत्वधान में पौधा रोपित कर उन्हें संरक्षित करने का संकल्प ले रहे हैं. बीते वर्ष में पितृपक्ष के माह में करीब आधा सैकड़ा लोगों ने अपने दिवंगत पूर्वजों के नाम पर पौधे रोपित कराएं.
जिसका परिणाम यह रहा कि हाईवे से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक बड़ी संख्या में पौधे रोपित हो गए. जिन्हें समिति द्वारा संरक्षित कर तैयार किया जा रहा है. इसी तरह से रोटीराम वाटिका में को एक बगीचे के रूप में तैयार किया जा रहा है.
जिसमें नीम, पीपल, बरगद, पाकड़, अशोक सहित फूलदार एवं छायादार वृक्ष लगाकर तैयार किए जा रहे हैं. लोग इस अभियान में जुड़ने के लिए आगे भी आ रहे हैं और उसका परिणाम लोगों को दिखाई भी दे रहा है
. कोरोना काल में ऑक्सीजन की कीमत लोगों को मालूम चली और लोगों के अंदर कहीं न कहीं अब पेड़ लगाने में विश्वास बढ़ा है. लोग ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाकर प्राकृतिक ऑक्सीजन से अपने को स्वस्थ रखने की मुहिम में लग गए है.
समिति के अध्यक्ष सन्तोष कुशवाहा ग्रीन मैन का कहना है कि वृक्षों के बैगर जीवन नहीं है. वह एक इलेक्ट्रिशियन थे लेकिन मन भाव पैदा हुआ और उन्होंने वट वृक्ष का पौधा रोपित कर उसे तैयार करने लगे.
उस वृक्ष की सेवा का परिणाम है कि आज उन्हें सुख समृद्धि के साथ समाज मे सम्मान भी मिल रहा है. सभासद राजेश सहारा का कहना है कि पर्यावरण के प्रति लगन को देखकर मन में आया कि क्यो न एक समिति बनाकर इस मुहिम को और तेज किया जाये.
इसके बाद पर्यावरण संरक्षण समिति बनाकर कस्बे के युवाओं को जोड़ा गया. आज उसी का परिणाम है कि कस्बे में मुख्य स्थानों पर हरे भरे पेड़ नजर आ रहे है और लोगों को शुद्ध वातावरण के शुद्ध ऑक्सीजन मिल रही है. समिति के संरक्षक मुनीर खान का कहना है कि पर्यावरण के प्रति कार्य करने की तलाश में सन्तोष कुशवाहा के कार्य को देखकर वह खुद भी पर्यावरण को संरक्षित करने में जुट गए।
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