बांदा मंडल में मात्र 12.79 फीसदी टेस्टिंग, अफसरों के दावे खोखले, कोरोना जांच पर उठे सवाल
बांदा,संवाददाता। गांव-गांव टीमें गठित कर कोरोना टेस्टिंग के बढ़ चढ़कर किए जा रहे दावों के बीच बुंदेलखंड के चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट जिलों में कुछ और ही तस्वीर उभरकर सामने आई है। यहां कोरोना संक्रमण काल के बीते 14 महीनों में अब तक मात्र 12.79 फीसदी बाशिंदों की ही टेस्टिंग (कोरोना जांच) की गई है।
चारों जिलों की 50 लाख 78 हजार 746 आबादी में सिर्फ छह लाख 49 हजार 874 लोगों की ही टेस्टिंग हुई है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर लगाम लगाने का सबसे कारगर उपाय टेस्टिंग ही बताया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें इस पर ही फोकस किए हुए हैं।
टीमों आदि से टेस्टिंग किए जाने का चैतरफा शोर है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के सरकारी आंकड़े चित्रकूटधाम मंडल में इन दावों की पोल खोल रहे हैं। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, मंडल के चारों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा में पिछले वर्ष अप्रैल 2020 से मौजूदा चालू माह मई 2021 तक सिर्फ 12.79 फीसदी लोगों की टेस्टिंग हुई है।
मंडल के बाशिंदों की कुल आबादी 50,78,746 है। इनमें कोरोना की जांच अब तक मात्र छह लाख 49 हजार 874 की हुई है। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि मंडल के अधिकारियों ने किस प्रकार से दावों को अमलीजामा पहनाने में महारत हासिल की है।
इतना ही नहीं इन आंकड़ों की चासनी पिछले दिनों बुंदेलखंड के दौरे पर बांदा और झांसी जिले में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी पेश कर अपनी पीठ थपथपाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने अफसरों ने आंकड़ों के जरिए ही विधिवत ब्योरा पेश किया था।
इन आंकड़ों को भी प्रदेश के मुखिया ने भी सही मानते हुए अफसरों की हौसला आफजाई भी की थी। उधर, करीब 51 लाख की आबादी वाले चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों में मात्र छह लाख लोगों की ही कोरोना टेस्टिंग करके अफसरों ने जहां कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में खेल किया है, वहीं इतनी ज्यादा आबाद को टेस्टिंग से दूर कर अपने आपको पूरी तरह से बचाने का काम किया है।