बलदाऊ रोटी सेवा बनी कोरोना काल में ‘संजीवनी बूटी’

हमीरपुर। कोरोना संक्रमण का प्रकोप पूरे देश फैला है। पिछले वर्ष भी इस महामारी से कई लोग ग्रसित हो कर मृत्यु लोक पहुंच चुके थे। इस वर्ष भी इस कोरोना महामारी की चपेट मे आकर बहुत से लोग अपने जीवन की लीला समाप्त कर चुके है।

पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष लोगों की मृत्यु का आंकड़ा दोगुना है। इस महामारी और मौतो के आंकड़े को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सप्ताहिक कोरोना कर्फ्रयू का एलान किया था। जिसको लेकर आमजन मानस ने लापरवाही बरती और मांैतो का अकड़ा बढ़ता गया।

लेकिन इस आंकड़े को बढ़ता देख प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फू की समय अवधि बढ़ाकर 24 मई कर दी है। जहां इस महामारी से लोगों के खाने पीने के लाले पड़े है। वहीं हमीरपुर जिले के मुख्यालय में श्री बलदाऊ रोटी सेवा समिति के द्वारा लोगों का भरण पोषण का कार्य जारी है।

जहां बताते चले मुख्यालय मे विद्यामंदिर स्कूल के समीप बलदाऊ मंदिर के अंदर बलदाऊ रोटी सेवा समिति ने पिछले तीन वर्षो से लगातार गरीबो व असहाय लोगों को भर पेट भोजन खिलाने का संकल्प लिया था।

जिसके चलते वहां कबाड़ बीनने वाले, पेडल रिक्शा चालक, कम दिमाग आदि गरीब लाचार पुरुष, महिलाये व बच्चे इस बलदाऊ रोटी सेवा समिति के माध्यम भर पेट भोजन का लाभ उठा रहे है।

वहीं मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस विषम परिस्थिति में हमारे बलदाऊ मंदिर में जो भी भूखा प्यासा आता है। उसे हम व रोटी सेवा समिति के संचालक व कार्यकर्ता भूखा नहीं जाने देते है।

वह चाहे किसी भी धर्म या जाती का हो उसे सादर पूर्वक आशन मे बैठाकर बड़े उल्लास के साथ भर पेट भोजन कराते है। मंदिर प्रांगण मे भोजन बनाने से लेकर भक्तों के भोजन ग्रहण कराने तक इस सेवा मे सेवा भाव से कुछ अच्छे लोग हमारी मदद करते है।

बलदाऊ रोटी सेवा समिति निरंतर तीन वर्षो से भूखे प्यासे लोगों की सेवा अनवरत करते आ रहे है। इस सेवा समिति के संचालक, कार्यकर्ता व भक्तगण अपनी श्रदा के अनुसार दान धर्म करते है।

जिससे हम यहां इन भूखे प्यासे लोगों की सेवा करते आ रहे है और ईश्वर ने चाहा तो आगे भी निरंतर जारी रखे रहेंगे। वहीं दूसरी ओर भोजन ग्रहण करने आये भक्तगणो से पूंछा तो उन्होंने बताया कि इस बलदाऊ रोटी सेवा के माध्यम से हमें भर पेट भोजन मिलता है और हमलोग भोजन पाकर चैन से सोते है।

किसी ने सच ही कहा है कि ऊपर वाला भूखा उठा सकता पर भूखा सुला नहीं सकता। हम लोग इस सेवा समिति का उपकार नहीं भूल सकते जो कि इस विषम परिस्थिति मे किसी के पास खाने को नहीं है। वहीं इस समिति के माध्यम से हमें भर पेट भोजन मिलता है।

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