धूमधाम से मनी सुखदेव की जयंती

हमीरपुर। कोविड 19 का अनुपालन करते हुये वर्णिता संस्था के तत्वावधान मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जरा याद करो कुर्बानी के तहत मां भारती का एक बेजोड बलिदानी सुखदेव की जयन्ती पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि सुखदेव सही मायने देश के सच्चे सपुत थे, इनका जन्म 15 मई 1907 को पंजाब के लुधियाना मे रामलाल था।
पर के घर रल्ली देवी की कोख से हुआ था, सुखदेव और भगतसिंह दोनों दोस्त थे, साथ ही दोनों लाहौर के नेशनल कांलेज मे साथ साथ पढते थे, ये प्रारंभ से ही देशसेवी थे, समय पडने पर सुखदेव भगतसिंह का मार्गदर्शन करते थे, लाला लाजपत राय जैसे महान देशभक्त की मौत का बदला लेने मे सुखदेव की प्रमुख भुमिका थी।
1929 के असेम्बली बम कांड मे भी इनका अहम् रोल था, इसी कान्ड और देशसेवा के फलस्वरूप सुखदेव को भी भगतसिंह के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। सुखदेव के देश के प्रति योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है, आज की पीढी के लिये ये आज भी प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम मे अवधेश कुमार गुप्त, अशोक अवस्थी एवं रमेशचंद्र गुप्त आदि उपस्थित रहे।
				
					




