हमीरपुर। बीसीजी वैक्सीन से वंचित नवजातों को लगवाएं टीके

कोविड.19 की महामारी के बीच स्थगित हुआ था नियमित टीकाकरण

हमीरपुर। कोविड.19 महामारी के बीच स्थगित हुआ नियमित टीकाकरण फिर से शुरू हो गया है। करीब 41 दिन तक स्थगित रहे टीकाकरण से जिले के उपकेंद्रों में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं को टीबी जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए लगने वाला बीसीजी का टीका नहीं लग सका।

यह टीका जन्म के 24 घंटे के अंदर लग जाना चाहिए। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से नवजात शिशु किसी के संपर्क में भी नहीं आए हैं। ऐसे में उन्हें अभी भी टीका लगाया जा सकता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

20 मार्च के बाद से जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से नियमित टीकाकरण में विराम लग गया। 2 मई से फिर से टीकाकरण की शुरुआत हुई है। हालांकि इस दौरान जिला महिला अस्पताल सहित अन्य ब्लाक स्तरीय सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां प्रसव की सुविधा है। वहां जन्म के तुरंत बाद बच्चों को बीसीजी के टीके लगते रहे।

इसके अलावा उपकेंद्रों में प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका नहीं लगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा रामअवतार ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद नवजात को बीसीजी का टीका लगता है। जो उसे टीबी जैसी गंभीर बीमारी से बचाने में सहायक होता है। लॉकडाउन की वजह से जनपद की कुछ प्रसव इकाइयों में बीसीजी का टीका उपलब्ध नहीं हो सका था।

यही एकमात्र टीका है। जो बच्चों का छूटा होगा। इसे एक माह के अंदर भी लगवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 2 मई से शुरू हुए नियमित टीकाकरण के तहत अब तक शून्य से 5 साल तक के 7825 बच्चों और 3695 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

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