राष्ट्रीय रामायण मेला का केन्द्रीय राज्य मंत्री ने किया समापन
राष्ट्रीय रामायण मेला के 47वें समारोह का समापन केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने मंचासीन राम, लखन की आरती करते हुए रामायण मेले के आयोजकों को बधाई दी।
राज्य मंत्री ने कहा कि यहीं से भगवान राम के मंदिर को लेकर देश में आंदोलन खड़ा किया। समाज को जगाया और आज यह कह सकती हूं कि प्रभु राम जो टाट के नीचे थे सभी उनके भव्य मंदिर का निर्माण होते हुए देखेंगे और दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि समिति ने तय किया है कि जनता के द्वारा दिए हुए पैसे से राम मंदिर का निर्माण होगा। यह बहुत बड़ी बात है और समाज कभी पीछे नहीं रहा। यह तो वह देश है जो जरूरत पड़े तो राजा हरिश्चंद्र जैसे व्यक्तियों ने धर्म की रक्षा के लिए स्वयं एवं पत्नी बच्चे को बेच दिया।
उन्होंने कहा कि जब कोई प्रशंसा करता है तो भूल जाते हैं और प्रफुल्लित हो जाते हैं, लेकिन यह बात याद रखिएगा बजरंगबली खुद की बड़ाई से नहीं पिता का नाम लिया उनकी बड़ाई से नहीं क्योंकि हनुमान जी देह से यानी शरीर और गेह से मायने परिवार से दूर थे। जब जामवंत जी को लगा कि हनुमान जी तो देह गेय से ऊपर हैं दोनों ही बात से प्रभावित नहीं हो रहे तब जामवंत जी ने कहा ‘राम काज लगि तव अवतारा सुनतहिं भयउ पर्वताकारा जहां राम के कार्य की याद दिलाया तो हनुमान जी पर्वताकार हो गए और जामवंत जी से कहने लगे की आप जो कहेंगे मैं वह करने के लिए तैयार हूं। यह समुद्र क्या है यह तो मेरे लिए खिलौना है लंका क्या है यह भी एक खिलौना है।
हमारे पास ताकत भी हो, धन भी हो लेकिन उचित सिखावन देने वाला भी होना चाहिए। अब इतिहास बदल रहा है। अयोध्या राजा राम की राजधानी बनने जा रही है। उन्होंने सभी के सुखमय जीवन और रामायण मेला सतत चलता रहे यह कसमना की।