दिल के करीब रही योजनाओं को जमीन पर देख सीएम नीतीश हुए खुश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ सोमवार काे बेतिया से शुरू हो गई। यात्रा का यह पहला चरण है। अपने दिल के करीब की योजनाओं को जमीन पर देख मुख्यमंत्री खूब प्रसन्न हुए। हंसते हुए कहा- हमने यह किया है बाद में केंद्र वालों ने इसे आजीविका के नाम से शुरू किया। उस वक्त दिन के 12.48 हुए थे।
बेतिया का शिकारपुर जाे चनपटिया विधानसभा क्षेत्र का एक गांव है वहां मुख्यमंत्री के पहुंचने का ऐलान हेलीकॉप्टर ने कर दिया था। मुख्यमंत्री का काफिला गांव की आज ही धुली सड़क पर पहुंचा। वहां सड़क के किनारे उन्हें कुछ जीविका दीदियों और सतत जीविको पार्जन योजना के तहत लाभ पायीं महिलाओं से उन्हें मिलना था।
मुख्यमंत्री के पहले बेतिया के डीएम डीके राय उतरे और फिर मुख्यमंत्री के साथ मंत्री विजय चौधरी व उनके प्रधान सचिव दीपक कुमार। मुख्यमंत्री सीधे वृद्ध महिला कांति देवी के स्टाल पर पहुंचे। वह दूल्हे की पगड़ी और मौरी बनाती हैं। अपने उत्पादों के साथ वही खड़ी हाे गयी। मुख्यमंत्री ने टोका- अरे यह तो बहुत बढ़िया है।
कांति ने बताया कि उसके परिवार में दारू बेचने का काम था। पुलिस का बहुत झमेला था। सरकार से पहले दस हजार रुपए की मदद मिली और फिर 30 हजार मिला। दरअसल, सतत जीविको पार्जन योजना की लाभार्थी हैं कांति। दिल्ली से भतीजा सामान लाता है। दूल्हे की पगड़ी सौ रुपए में बन जाती है और यह तीन सौ रुपए तक में बिक जाती है। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता से कहा, करते रहिए।
सीएम ने दो महिलाओं को सौंपी ई-रिक्शा की चाबी
इस योजना के तहत दो महिलाओं को उन्होंने ई-रिक्शा की चाबी सौंपी। उनके परिवार में भी ससुर शराब बेचते थे। जीविका दीदियों का एक समूह एलईडी बल्ब की एसेंबलिंग कर रहा है। उनसे भी मुख्यमंत्री ने भेंट की। कांस व फूल का बरतन तैयार करने वाली महिलाओं से भेंट की। हैरान भी हुए काम देखकर। विजय चौधरी ने पूछा कितना आमदनी होता है। जमीन पट्टे पर लेकर नर्सरी में पौधा तैयार कर उसे वन विभाग को सौंपने वाली महिलाओं को मुख्यमंत्री ने चेक सौंपा।
इसके बाद वह मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के माध्यम से मिली सहायता से काम कर रही एक महिला उद्यमी से मिलने पहुंच गए। वह मसाला का पैकेट बनाकर अपना रोजगार कर रही। कच्चा माल कुछ स्थानीय स्तर पर मिल जा रहा और कुछ राजस्थान से आता है। उसके उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी हैं। एक महिला सैनेटरी नैपकिन भी बना रही। जिस परिसर में यह स्टॉल लगा था, वहां पीएमआरजीईपी योजना के तहत एक जुराब वाली इकाई भी चल रही। मुख्यमंत्री ने इसे भी देखा और सराहा। इसके बाद शिकारपुर में आपदा प्रबंधन विभाग के एक प्रशिक्षण केंद्र का भी उन्होंने उद्घाटन किया।
शिकारपुर आने वाली सड़क के दूसरे छोर पर मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से उतरे। यहां भी उनके दिल के करीब का मामला था। मनरेगा से बने एक तालाब में मछली का जीरा छोड़ा। एक उत्सव भवन का उद्घाटन किया। पुस्तकालय का भी शुभारंभ किया और मनरेगा से बने पार्क काे देखते हुए सड़क मार्ग से बेतिया निकल गए। रास्ते में खड़े लोगों का कई जगहों पर अभिवादन भी किया।