बिहार के सभी कॉलेजों में होने जा रहा बड़ा बदलाव, शिक्षा सचिव ने जारी किया आदेश
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित 268 अंगीभूत महाविद्यालयों और 227 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दरअसल, इन कॉलेजों में एक डायनामिक वेबसाइट तैयार की जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों से कहा है कि डायनेमिक वेबसाइट बनाने का कार्य जनवरी तक पूरा कर लें।
साथ ही, संबंधित महाविद्यालयों के लिए एक डेटाबैंक भी बनाएं ताकि उच्च शिक्षा संबंधी प्रत्येक महाविद्यालय से सभी तरह के आंकड़े संग्रहित हो सके और समय-समय पर उसे अपडेट भी किया जा सके।
सभी कॉलेजों की वेबसाइट जल्द तैयार कराएं: शिक्षा सचिव
- शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने कुलसचिवों की बैठक में निर्देश दिया है कि सभी कॉलेजों की वेबसाइट जल्द तैयार कराएं। इसके लिए चाहें तो राष्ट्रीय सूचना केंद्र की मदद ले सकते हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि जिस विश्वविद्यालय के पास परीक्षाफल आधारित अनुदान राशि या पूर्व के वेतन की राशि जमा पड़ी है, उस विश्वविद्यालय को भविष्य में अनुदान विमुक्त करते समय में समतुल्य राशि घटाकर अनुदान दिया जाएगा।
बिना उपयोग की जमा पड़ी राशि बिहार सरकार को लौटाने की चेतावनी
उन्होंने साफ-साफ शब्दों में सभी कुलसचिवों से कहा है कि जिन मदों में दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) शिक्षा विभाग को नहीं मिलेगा, उतनी राशि काटकर उन मदों में आगे विश्वविद्यालयों को पैसा दिया जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालयों को एक बार फिर चेताया गया कि वह बिना उपयोग के जमा पड़ी राशि बिहार सरकार को अविलंब लौटाएं तथा शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन का पैसा रोककर नहीं रखें।
अगले साल से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर अपलोड प्रस्तावित बजट ही स्वीकार किया जाएगा और उसपर विचार होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विश्वविद्यालय को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा है, ताकि उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी जा सके।
सचिव ने कहा है कि बिना प्रान नंबर (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) खोले शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को उनका प्रान नंबर (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) खुलने के बाद ही वेतन मिलेगा।