बॉडी में इन सिग्नल्स को न करें नजरअंदाज, हो सकती है गंभीर परेशानी
अगर आपके शरीर में सूजन या किसी प्रकार का दर्द लगातार बना रहता है, तो इसे हल्के में न लें। शरीर के अंदर होने वाली इनफ्लेमेशन किसी बड़ी बीमारी की शुरुआत हो सकती है। इस लेख में जानें कि इनफ्लेमेशन क्या है, इसके प्रकार, लक्षण और इसे नियंत्रित करने के उपाय।
क्या है इनफ्लेमेशन (सूजन)?
इनफ्लेमेशन का मतलब है सूजन, जो शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है। जब शरीर को चोट लगती है या इंफेक्शन होता है, तब यह प्रक्रिया शुरू होती है। हालांकि, शरीर के अंदर लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
प्रकार
लोकल इनफ्लेमेशनः जब किसी खास जगह पर सूजन लंबे समय तक रहे, जैसे दांत का इंफेक्शन।
सिस्टमेटिक इनफ्लेमेशनः जब सूजन पूरे शरीर को प्रभावित करे, जैसे किसी गंभीर बीमारी के कारण।
क्रॉनिक इनफ्लेमेशन के लक्षण
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो सावधान हो जाएं- शरीर में बार-बार सूजन, बुखार या थकान जैसी समस्याओं को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। अगर किसी को लगातार बुखार आ रहा हो या रात में पसीना आ रहा हो, तो यह शरीर में किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, बिना किसी कारण के वजन का बढ़ना या घटना भी क्रॉनिक इनफ्लेमेशन का लक्षण हो सकता है। लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना एक और गंभीर संकेत है, जिसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। अगर आपको दिनभर सुस्ती महसूस होती है और शरीर में ऊर्जा की कमी लगती है, तो यह सूजन की समस्या का हिस्सा हो सकता है।जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द या अकड़न, जो लंबे समय तक बनी रहे, भी क्रॉनिक इनफ्लेमेशन का संकेत हो सकती है। इसके अलावा, स्किन पर रैशेज, लाल चकत्ते या अन्य समस्याएं भी शरीर के अंदर हो रही सूजन को दर्शाती हैं। पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, दस्त या एसिडिटी अगर लगातार बनी रहती हैं, तो यह भी चिंताजनक हो सकता है। पाचन तंत्र की गड़बड़ी शरीर में सूजन बढ़ा सकती है और समय के साथ गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है। बार-बार बीमार पड़ना या इम्यून सिस्टम का कमजोर होना भी सूजन का एक बड़ा संकेत है। अगर आपका शरीर बार-बार इंफेक्शन का शिकार होता है या छोटी-छोटी बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं, तो यह क्रॉनिक इनफ्लेमेशन के कारण हो सकता है।
इनफ्लेमेशन कम करने के तरीके
लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करके इनफ्लेमेशन को रोका जा सकता हैरू
हेल्दी डाइट
प्रोसेस्ड और फैटी फूड्स, जैसे जंक फूड, डीप फ्राइड आइटम्स और शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं। इनसे बचने की कोशिश करें क्योंकि ये आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा करते हैं और शरीर में अनहेल्दी फैट जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद ब्रेड, पेस्ट्री और रेड मीट को सीमित मात्रा में ही खाएं, क्योंकि ये सूजन को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों में शामिल हैं। इसके विपरीत, हरी सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली, मेवे और बीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। ये सभी चीजें शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती हैं। हेल्दी और बैलेंस डाइट लेने से न केवल इनफ्लेमेशन को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
रेगुलर एक्सरसाइज
नियमित रूप से व्यायाम करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। वॉकिंग, योग, स्विमिंग या हल्के वर्कआउट शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और सूजन को नियंत्रित करते हैं। एक्सरसाइज करने से शरीर में ष्एंडोर्फिनष् नामक हार्मोन का उत्पादन होता है, जो तनाव को कम करता है और मूड को बेहतर बनाता है। हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30-45 मिनट तक हल्के या मध्यम व्यायाम जरूर करें। यह न केवल मसल्स को मजबूत करता है बल्कि शरीर में जमा अतिरिक्त फैट को भी घटाता है, जिससे सूजन कम होती है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम से जोड़ों का दर्द और अकड़न भी कम होती है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
तनाव आज के समय में कई बीमारियों की जड़ है। अत्यधिक तनाव शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ा देता है, जो सूजन को बढ़ावा देता है। इसलिए तनाव को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। इसके लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग का सहारा लें। ये तकनीकें दिमाग को शांत करती हैं और शरीर में तनाव के स्तर को कम करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, समय-समय पर अपनी पसंदीदा गतिविधियों जैसे किताबें पढ़ना, संगीत सुनना या दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना भी मानसिक तनाव को कम करता है।
पर्याप्त नींद लेना भी स्ट्रेस मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है। हर दिन 7-8 घंटे की गहरी नींद लेने से शरीर की मरम्मत प्रक्रिया बेहतर होती है और सूजन का खतरा कम हो जाता है। इन तीन महत्वपूर्ण उपायों को अपनाकर आप शरीर की सूजन को नियंत्रित कर सकते हैं और खुद को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। सही खान-पान, नियमित व्यायाम और तनाव मुक्त जीवनशैली से आपका शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे। इनफ्लेमेशन शरीर की सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें। हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम और बेहतर लाइफस्टाइल के जरिए इनफ्लेमेशन को कंट्रोल किया जा सकता है। शरीर के संकेतों को समझें और समय रहते सावधान हो जाएं।