कर्मचारियों का PF पैसा दबाने पर 200 संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई, वसूले करोड़ों रुपये

उत्तराखंड में कर्मचारियों के भविष्य निधि(पीएफ-PF) का पैसा दबाने वाले दो सौ संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ईपीएफओ ने उनसे वसूली की है। ईपीएफओ के देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने यूपीसीएल, नगर निकायों,शिक्षण संस्थानों समेत कई कंपनियों से इस मद में कुल 11.49 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। सबसे ज्यादा एक करोड़ 86 लाख रुपये की रिकवरी यूपीसीएल से की गई है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम विश्वजीत सागर ने जीएमएस रोड स्थित कार्यालय में बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएफ जमा नहीं करने वाले संस्थानों पर नजर रख रहे हैं। इस क्रम में नगर पालिका श्रीनगर, कोटद्वार, जोशीमठ, मसूरी, उत्तरकाशी व डोईवाला से 2.74 करोड़ रुपये वसूले गए। इनमें से कई निकाय वर्षों से कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कर रहे थे। ऐसे भी मामले हैं, जिनमें आउटसोर्स एजेंसियों से रखे कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं हो रहा था। 

कन्या गुरुकुल को नोटिस

ईपीएफओ कमिश्नर ने बताया कि गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार से संबद्ध कन्या गुरुकुल महाविद्यालय राजपुर रोड में कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने की शिकायत मिली। असेसमेंट कराया गया। संस्थान को सितंबर 2010 से लेकर अब तक का 52 लाख 27 हजार रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा गया है। संस्थान ने पीएफ ऑफिस में पंजीकरण भी नहीं कराया था। संस्थान अगर यह रकम जमा नहीं कराता है तो खाते अटैच किए जाएंगे। जिन संस्थानों में 19 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके लिए कर्मचारियों का पीएफ काटना अनिवार्य है। 

इन बड़े बकायेदारों से भी हुई वसूली

ईपीएफओ ने कुल दो सौ संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके तहत क्षेत्रीय गांधी आश्रम, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन, ग्राफिक एरा शिक्षण संस्थान, देवऋषि शिक्षण समिति, मोड हाईक प्राइवेट लिमिटेड, वीके एसोसिएट्स, धनश्री एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, यूनिक सिक्योरिटी सर्विसेज, टिहरी गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, लखानी फुटवियर, उत्तरांचल कमांडो एक्स सर्विसमैन, हाइप इम्पेक्स, एशियन प्लास्टो इंडस्ट्रीज, टाइगर स्टील इंजीनियरिंग, किंग सिक्योरिटी गार्ड सर्विसेज, नवदुर्गा कंस्ट्रक्शन, विद्युत उपभोक्ता सेवा समिति समेत 31 बड़े संस्थानों पर कार्रवाई की जिन पर पांच लाख रुपये से ज्यादा का बकाया था। 

संस्थान कर्मचारी का पीएफ काटना सुनिश्चित करें और समय से जमा भी कराएं। जमा नहीं करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई जारी रहेगी। अब नगर निकायों में ठेकेदारों के माध्यम से रखे कर्मचारियों के पीएफ को लेकर भी कार्रवाई की तैयारी है। ऐसे ठेकेदारों को चिह्नित किया जा रहा है, जो पीएफ जमा नहीं कर रहे हैं। 
विश्वजीत सागर, क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम, ईपीएफओ  

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