हिन्दी भारत के उत्थान की उऩ्नायिका है: डा. भवानीदीन

हमीरपुर। किशनू बाबू शिवहरे महाविद्यालय मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत हिन्दी का उन्न्यन एक दृष्टि में हिन्दी दिवस पर प्राचार्य डा. भवानीदीन ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हिन्दी भारत के उत्थान की उऩ्नायिका है, यह यहां के दिलो को जोडने वाली भाषा है, आजादी के 75 वर्षाे बाद आज भी हिन्दी को अभीष्ट स्थान नहीं मिला है, हिन्दी को 11 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने राष्ट्रभाषा के रूप मे स्वीकार कर लिया था, उसके बाद 11 सितम्बर 1969 को संसद ने राजभाषा के रूप मे इसे अंगीकृत किया, हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थान तो मिल गया।

किन्तु यहां उपेक्षा है, आज हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोलने वाली भाषा है, दुनिया के लगभग सरसठ करोड़ लोग हिन्दी बोलते है, विश्व के 260 विश्वविद्यालयों मे हिन्दी पढायी जाती है, विश्व के विकसित देशों का हिन्दी की ओर झुकाव है, भारत मे 53 करोड़ लोग हिन्दी बोलते हैं। कार्यशाला मंे प्रत्यूष त्रिपाठी, छात्राओं मे अनामिका यादव, खुशी, काजल और ने अपने विचार रखे, साथ ही हिमान्शु सिहं, सुरेश व अखिलेश सोनी, राजकिशोर पाल और राजकुमार गुप्ता शामिल रहे, संचालन डा रमाकांत पाल ने किया।

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