3.28 करोड़ से बना आश्रय गृह हो रहा खंडहर
उरई/जलौन मेडिकल कॉलेज कैंपस में 3.28 करोड़ रुपये की लागत से बना 100 बेड का आश्रय गृह खंडहर हो गया है। बेसहारा और बेघर लोगों के लिए बनाया गया आश्रय स्थल बंद पड़ा है। नगर पालिका ने उसकी देखरेख और साफ सफाई तक के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है।
आश्रय गृह में घासफूस और गंदगी का अंबार लगा है। इसके बावजूद कोई परवाह नहीं है। शहर के मेडिकल कॉलेज कैंपस में निर्माण निगम झांसी ने वर्ष 2020 में 3.28 करोड़ रुपये की लागत से आश्रय गृह का निर्माण कराया था।
निर्माण पूरा होने के बाद 27 मार्च 2021 को इसे नगर पालिका को सौंप दिया गया था। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से यह बंद पड़ा है। इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अंदर पक्षियों ने डेरा जमाया हुआ है।
कोरोना काल में कुछ समय के लिए इसे खोला गया था। पर अब दोबारा ताला बंद कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में हर रोज बड़ी संख्या में तीमारदार आते हैं, पर कोई व्यवस्था नहीं है।
डूडा विभाग की मानें तो आश्रय गृह में एक मैनेजर, एक महिला, और दो पुरुष कर्मियों की तैनाती है। इसके बंद रहने से वह कर्मचारी कहां काम कर रहे हैं, इसकी किसी को जानकारी नहीं है।
आश्रय गृह में लोगों के लिए गद्दा, रजाई, पंखा, बाथरूम, शौचालय, सीसीटीवी कैमरों सहित सभी व्यवस्थाएं हैं। बंद रहने से इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसमें 100 लोगों के ठहरने के इंतजाम हैं।
मेडिकल कॉलेज के एकांत में बने इस आश्रय गृह की किसी को जानकारी भी नहीं है। शहर में 100 बेड का आश्रय गृह बना है, इसको लेकर कोई संकेतक अथवा बोर्ड नहीं है।
करोड़ों रुपये से बने आश्रय गृह की दुर्दशा पर जब नगर पालिका के अधिकारी अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डूडा ने उन्हें अभी हाल ही में उन्हें आश्रय स्थल को हैंडओवर किया है।
जब उनसे इसकी तिथि पूछी गई तो उन्होंने कहा कि हाल ही में उसका चार्ज मिला है, जल्द ही वहां किसी की तैनाती करके उसे शुरू करा दिया जाएगा।