प्लास्टिक के डब्बे में टिफिन ले जाना कितना सुरक्षित, जान लें 

प्लास्टिक में मुख्य रूप से बिसफेनॉल ए BPA और थैलेट्स जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। ये रसायन भोजन में मिल जाते हैं, और हमारे शरीर में प्रवेश कर अंतःस्रावी प्रणाली को बाधित करते हैं। बड़ी बात यह है कि कई लोग गर्म भोजन को सीधे प्लास्टिक के कंटेनर में पैक करते हैं या उन्हें माइक्रोवेव में गर्म करते हैं, जिससे रसायनों का रिसाव तेजी से बढ़ जाता है।

यह आदत न केवल पाचन तंत्र को प्रभावित करती है, बल्कि यह हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन संबंधी समस्याओं और यहां तक कि कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकती है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि सुविधा के नाम पर प्लास्टिक का उपयोग कम करना और सुरक्षित विकल्पों को अपनाना ही बेहतर विकल्प है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्लास्टिक से हानिकारक केमिकल का रिसाव
प्लास्टिक में पाए जाने वाले सबसे खतरनाक रसायन बिसफेनॉल ए (BPA) और थैलेट्स होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि ये रसायन, खासकर जब प्लास्टिक टूटता है या हाई तापमान के संपर्क में आता है, तो भोजन में रिसने लगते हैं। BPA एक एंडोक्राइन डिसरप्टर (हार्मोनल संतुलन बिगाड़ने वाला) है, जो प्रजनन स्वास्थ्य और मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है।

गर्म भोजन और माइक्रोवेव का जोखिम
प्लास्टिक में गर्म भोजन पैक करना या उसे माइक्रोवेव में गर्म करना रसायनों के रिसाव की दर को कई गुना बढ़ा देता है। गर्मी प्लास्टिक की रासायनिक संरचना को प्रभावित कर देती है, जिससे ये हानिकारक तत्व तेजी से भोजन में घुल जाते हैं। भले ही डिब्बे पर ‘माइक्रोवेव सेफ’ लिखा हो, फिर भी इसका इस्तेमाल गर्म करने के लिए नहीं करना चाहिए।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक खतरा
ये रसायन (जैसे BPA बच्चों के विकासशील मस्तिष्क और हार्मोनल सिस्टम के लिए विशेष रूप से खतरनाक होते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिए, क्योंकि ये रसायन गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

कांच और स्टेनलेस स्टील है सुरक्षित विकल्प
प्लास्टिक के खतरों से बचने के लिए, आप स्टेनलेस स्टील या कांच के कंटेनरों का उपयोग कर सकते हैं। ये सामग्री न तो भोजन में रसायन रिलीज करती है और न ही ये अधिक तापमान पर रिएक्टिव होती है। इसके अलावा प्लास्टिक के कंटेनरों का उपयोग करते समय उन्हें खरोंच लगने से बचाएं, क्योंकि टूटी हुई प्लास्टिक अधिक केमिकल रिलीज करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker