विद्यालय में जलभराव से बच्चे और शिक्षक परेशान, डेंगू जैसी बीमारियों के पनपे का है खतरा
उरई/जालौन,संवाददाता। जुगराजपुरा में उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट में जलभराव की स्थिति है। बरसात के पानी की निकासी न होने से बरसात में यह विद्यालय एक छोटे से टापू के बीच नजर आता है। जिससे पानी में घुसकर बच्चे स्कूल पढ़ने आते हैं।
ऐसी हालत में बीमारियों के पनपने का भी अंदेशा है। वहीं जिम्मेदार हैं कि इस मामले में कोई ठोस कदम ही नहीं उठा रहे हैं और बहानेबाजी करने में लगे हैं।
कोंच तहसील के नदीगांव विकास खण्ड के जुगराजपुरा गांव का उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट इस समय तलैया बन गया है। जिसकी वजह से इन मासूम छात्र-छात्राओं को इसी पानी से घुसकर शिक्षाध्य्यन करने जाना पड़ता है।
जुगराजपुरा का उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट व कन्या पाठशाला में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र और छात्राएं इस विद्यालय में पढ़ने आते हैं। जुगराजपुरा गांव के इस सरकारी स्कूल में सबसे बड़ी समस्या जल निकासी को लेकर है।
स्कूल के प्रधानाचार्य शिवेंद्र सिंह की मानें तो स्कूल में बारिश होने पर गांव का नाली से गन्दा पानी आता है। जल निकासी का कोई इंतजाम नही होने के कारण पानी स्कूल परिसर में भरा रहता है। गांव के इस उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट में बारिश के जल जमाव से बीमारी के साथ बच्चों की जान को भी खतरा है।
क्योंकि जालौन के जिला अस्पताल में इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो कर पहुंच रहे हैं। डाक्टर भी आस-पास जल जमाव को हटाने की बात कह रहे हैं। क्योंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी मे बनता है। ऐसे में स्कूल में पढ़ने आ रहे बच्चों पर भी डेंगू का खतरा मंडरा रहा है।
वहीं इस मामले में जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कलू कुमार जाटव ने बताया की यह समस्या कई सालों से हो रही है, वहीं दो तीन दिन से तेज बारिश के कारण विद्यालय प्रांगण में जलभराव हो गया है।
वहीं जिस ग्राम पंचायत सचिव की जिम्मेदारी गाँव में विकास कार्य कराने और सरकार की योजनाओं को परबान चढ़ाने की होती है वह घण्टों इंतजार करने के बाद भी यहाँ नहीं आये। जब ग्राम पंचायत सचिव से फोन से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन उठाना ही उचित नहीं समझा।
भले ही अधिकारी अधीनस्थों को किसी भी समय फोन रिसीव करने की बात करते हों, लेकिन अधीनस्थ हैं कि वह इस आदेश की जमकर धज्जियां उड़ाते हैं और जनता का फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझते।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव गांव में कभी कभार ही आते हैं और जनता से बगैर मिले सिर्फ प्रधान के पास होकर अपनी लाखों की गाड़ी में बैठकर चले जाते हैं।
फिलहाल ग्राम पंचायत जुगराजपुरा में जब सरकारी विद्यालय में ही जलभराव है तो गांव में अन्य विकास कार्यों पर बात करना बेईमानी साबित होगी। स्कूली बच्चों, शिक्षकों व ग्रामीणों ने स्कूल में हो रहे जलभराव की समस्या के समाधान करने की बात प्रशासन से की है।