जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण की बैठक संपन्न
संभावित बाढ़ एवं सूखा से निपटने की तैयारियों पर हुई चर्चा
हमीरपुर। संभावित बाढ़ एवं सूखा की तैयारियों के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक जिलाधिकारी डा. चंद्र भूषण की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं सूखा की तैयारियों के दृष्टिगत सभी संबंधित विभागों द्वारा अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाए तथा बाढ़ एवं सूखा से निपटने हेतु सभी विभागों द्वारा एक कार्ययोजना बना ली जाए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए नावों का चिन्हांकन कर पर्याप्त व्यवस्था कर लिया जाए तथा नाव की भलीभांति जांच कर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोई भी नाव छतिग्रस्त नहीं है तथा उसमें कोई भी खराबी नहीं है। जो खराबी हो उसको ठीक करा दिया जाए, नाव की मजबूती का भी परीक्षण करा लिया जाए।
इसके अलावा नाविकों का तथा ग्राम प्रधानों के मोबाइल नंबर रखे जाएं। बाढ़ के समय में राशन/भोजन की व्यवस्था हेतु जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा पर्याप्त मात्रा में राशन, डीजल पेट्रोल, गैस आदि की व्यवस्था कर लिया जाए।
पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के टीकाकरण, चारे की व्यवस्था कर लिया जायें, भूसे की व्यवस्था हेतु टेंडर आदि कर लिया जाए। स्वास्थ विभाग द्वारा जरूरी दवाइयां की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। विद्युत विभाग द्वारा जहां जलभराव होता है।
वहां के लिए जरूरी प्रबंध कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम स्थापित कर उसके फोन नंबर का प्रभावी ढंग से प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि रेड जोन में आने वाले क्षेत्रों पर बाढ़ से निपटने के लिए विशेष तौर पर कार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय राहत सामग्री वितरण कराए जाने हेतु जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। ऊंचे स्थानों का चिन्हांकन कर लिया जाए तथा चेतावनी तंत्र को विकसित कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ चैकी की स्थापना कर वहाँ की व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं। गोताखोरों का चिन्हांकन कर लिया जाए तथा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत करा ली जाए। सूचना तंत्र को सुदृढ़ किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में किसी नगर निकाय या ग्रामीण क्षेत्र, बाजार, हांट, भीड़भाड़ वाले स्थान या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कहीं पर भी पेयजल की समस्या नहीं उत्पन्न होने चाहिए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए, ऐसे स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखी जाए।
उन्होंने बताया कि जनपद में पेयजल संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या पर पेयजल कंट्रोल रूम नंबर 05282-221196 पर संपर्क करके अपनी शिकायत दर्ज करा जा सकते है। शिकायत का तत्काल संज्ञान लेकर निराकरण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लू/हीटवेव से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आशा, एएनएम एवं आंगनवाडी कार्यकत्रियों को आपदा पूर्व, आपदा के समय एवं आपदा पश्चात तीनों चरणों के प्रशिक्षण दिए जाए।
वर्तमान में भीषण गर्मी/लू से बचाव हेतु अन्ना पशु आश्रय स्थलो में भूसा पानी छाया आदि सभी प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नगर निकाय में जहां पर भी टैंकर की कमी है, वह इसकी डिमांड कर ले। कहा कि किसी टैंकर/हैंडपंप आदि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा नहीं होना चाहिए।
उसका सार्वजनिक रूप से उपयोग होना चाहिए। जिलाधिकारी ने गत वर्ष पराली न जलाने पर कृषकों का धन्यवाद दिया तथा अपील की कि इस वर्ष भी पराली आदि न जलाई जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नगरीय निकाय में इकट्ठा होने वाले कूड़े में किसी भी दशा में आग नहीं लगाई जाए, ऐसी किसी भी प्रकार की घटना पर संबंधित अधिशासी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि नहरों की टेल तक पानी पहुंचाया जायें। तालाबों को समय-समय पर जरूरत के अनुसार भरवाया जाए। इस दौरान सीडीओ विकास मिश्रा, एडीएम वित्त एवं राजस्व रमेश चंद्र, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर संजय कुमार मीणा, अन्य तहसीलों के एसडीएम, सीओ सदर, अधिशासी अभियंता मौदहा बांध अधिशासी अभियंता विद्युत व पीडब्ल्यूडी, डीपीआरओ राजेंद्र प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, नगरीय निकायों के अधिशासी अधिकारी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।