जितनी खपत, उतना माल रखेंगे कपड़ा व्यापारी
बांदा,संवाददाता। कोरोना काल से लड़खड़ा गए व्यापार पर अब जीएसटी काउंसिल की टैक्स वृद्धि की घोषणा से कारोबारी सांसत में हैं।
बांदा का ज्यादातर कपड़ा व्यापार कानपुर, दिल्ली, सूरत (गुजरात) और मुंबई (महाराष्ट्र) से संचालित होता है। त्योहारी सीजन में कारोबारी उतना ही माल रखने की जुगत भिड़ा रहे हैं, जितनी खपत हो सके।
उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में व्यापार तो चढ़ेगा और खरीदारी भी बढ़ेगी। फिलहाल नई दरें घोषित न होने से व्यापारियों में राहत है। कारोबारी बाजार को देखते हुए फैसला लेने की बात कह रहे हैं।
फिलहाल उन्होंने मांग के अनुसार ही अपनी दुकानों में स्टॉक किया हुआ है। त्योहारी सीजन में जिले में कपड़े का लगभग 8 से 10 करोड़ का व्यापार होता है।
जिले में शहर की मुख्य बाजार, अतर्रा बाजार, नरैनी बाजार और तिंदवारी बाजार है। चैक बाजार के साड़ी व्यवसायी राजकुमार कुकरेजा का कहना है कि त्योहारी सीजन अब शुरू हो रहा है।
ज्यादातर त्योहार और शादी की सहालगें अक्तूबर और नवंबर में हैं। उन्होंने मांग के अनुसार ही कपड़े का स्टॉक किया हुआ है। नई दर जनवरी से लागू होनी है।
इससे बाजार से आइडिया हो जाएगा तब आगे का निर्णय लेंगे। कपड़ा व्यवसायी प्रदीप त्रिपाठी शीलू का कहना है कि इंवटेंड शुल्क में बदलाव और नई दरें जनवरी से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
आने वाले दो महीने त्योहारी व शादी सहालग के हैं। उनका व्यापार कानपुर समेत महाराष्ट्र से जुड़ा है। अतिरिक्त स्टॉक तो नहीं किया है पर मांग के अनुरूप कपड़े की विभिन्न वैरायटी मौजूद है।