हिन्दी हम सब की बोलचाल और दैनिक जीवन की भाषा है-राजीव कुमार
उरई। जिला दीवानी न्यायालय में ‘‘हिन्दी दिवस‘‘ के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी संगोष्ठी में वक्ताओं ने ’’न्यायिक व्यवस्था में हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता’’ विषय पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये और कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सम्पन्न इस संगोष्ठी में कोविड-19 सम्बन्धी भारत सरकार की गाइड-लाइन के अनुसार सामाजिक व शारीरिक दूरी एवं अन्य निर्देशों का अनुपालन किया गया।
जिला न्यायाधीश सक्सेना ने कहा कि अभी भी हिन्दी की उत्कृष्ट विधि पुस्तकों के लेखन की आवश्यकता है। के क्षेत्र में हिन्दी का प्रयोग नित्य-प्रतिदिन बढ़ रहा है, किन्तु अभी भी विधि की अच्छी पुस्तकों के लेखन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अब उच्चन्यायालयों में भी हिन्दी का प्रयोग बढ़ रहा है। इससे वादकारियों को न्यायिक कार्यवाही और फैसलों को समझने में सुविधा हो रही है। उन्होंने न्यायिक कार्यों में हिन्दी का प्रयोग व्यवहारिक रूप में निरन्तर करते रहने पर बल दिया।
इसी क्रम में मोटर वाहन दुर्घटना के पीठासीन अधिकारी राजीव कुमार ने कहाकि हमें निरन्तर अपने न्यायिक कार्य में हिन्दी का प्रयोग करते रहा चाहिये एवं समग्र रूप से यह प्रयास होना चाहिये कि वादकारियों को न्यायिक प्रक्रिया समझ में आये।
संगोष्ठी आयोजन समिति के अध्यक्ष/ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश तिवारी ने कहाकि हिन्दी हम सबकी बोलचाल और दैनिक जीवन की भाषा है। यह संवाद की उत्तम और सरल भाषा है।
उन्होंने विद्वान अधिवक्ताओं से अपील की कि वह न्यायिक कार्यों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहित करें।
हिन्दी दिवस समारोह में वरिष्ठ अधिवक्ता यज्ञदत्त त्रिपाठी, लाजपत राय सक्सेना, बृजविहारी गुप्ता, अध्यक्ष सुरेश चन्द्र गौतम व जीतेन्द्र यादव महासचिव जिला अधिवक्ता संघ ने भी अपने-अपने सुझाव दिये।
इस अवसर पर प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश अमित पाल सिंह, अपर जिला न्यायाधीश बी0डी0 भारती, सुरेश चन्द्र,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रेनू यादव और व्यवहार न्यायाधीश अवर खण्ड वर्णिका शुक्ला, न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋचा अवस्थी सहित सभी न्यायिक अधिकारीगण तथा अन्य वरिष्ठ अधिवक्तागण और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।