पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजे जाएंगे अंतरिक्ष यात्री

भारत के गगनयान अभियान को 2022 तक या 2023 की शुरूआत में अंतरिक्ष में भेजे जाने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यह अभियान मूल रूप से 2022 के अंत तक भेजे जाने का कार्यक्रम था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते इसमें देर हुई।

इसका लक्ष्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव युक्त अभियान (अंतरिक्ष यात्री) भेजना है। गगनयान भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य तीन भारतीयों को पृथ्वी की निचली कक्षा (लीओ) में ले जाना है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्‍वतंत्रता दिवस पर राष्‍ट्र के नाम संबोधन में इस मिशन का ऐलान किया था। कोरोना महामारी की वजह से इस मिशन में पहले ही देरी हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ”हम इसे असल में 2022 तक कर सकते हैं। हमने भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के साथ इसे करने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें देर होने से ऐसा नहीं हो सकेगा।

मंत्री ने कहा, ”लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि अगले साल के अंत तक या 2023 की शुरूआत में, हम इसे बखूबी कर सकेंगे।अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री ने ‘फ्यूचर ऑफ इंडिया-ओसियानिया स्पेस टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए यह कहा।

इसका आयोजन यहां फेडरेशन ऑफ इंडिया चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने किया था। 

चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ आर्बिट-एलईओ) में सफलतापूर्वक भेजना सुनिश्चित किया जा सके।

इसलिए इस मिशन को भारत का एक अहम मिशन माना जा रहा हैय़ चारों स्वदेशी अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाकर पूर्व निर्धारित गतिविधियों को अंजाम देंगे और फिर पृथ्वी पर वापस लौटेंगे। वायुसेना से चयनित यह चारों टेस्ट पायलट रूस में अंतरिक्ष यात्री का प्रशिक्षण ले चुके हैं।
     
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्षण प्रौद्योगिकी ने हर क्षेत्र में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह आपदा प्रबंधन में मददगार है। मंत्री ने कहा कि तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए अंतरिक्ष औषधि की भी बड़ी भूमिका है।

सरकार के मुताबिक अकादमिक संस्थानों से संबद्ध चार जैविक और दो सूक्ष्म गुरूत्व प्रयोगों का चयन गगनयान कार्यक्रम के लिए किया गया है।     

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker