ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और निफ्टी 30,000 पर
नई दिल्ली। किसी भी देश में सबसे बड़ा बुल मार्केट तब आया है, जब अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर से 5 ट्रिलियन डॉलर की ओर जा रही होती है। आइए आपको तीन उदाहरण बताते हैं।
चीन को 2 ट्रिलियन डॉलर से 5 ट्रिलियन तक जाने में 5 साल (2004-2009) लगे। इस दौरान हैंगसैंग (Hangsang) 8500 से 32000 तक चला गया, जो कि चार गुना है।
अमेरिका को 2 ट्रिलियन डॉलर से 5 ट्रिलियन डॉलर तक जाने में 11 साल (1977-1988) लगे और डाउ जोन्स (Dow Jones) 1977 से 2000 के दौरान 700 के स्तर से 12000 तक चला गया, जो कि 15 गुना है।
जापान को 2 ट्रिलियन डॉलर से 5 ट्रिलियन डॉलर तक जाने में 8.5 वर्ष (1978-1986) लगे और जापानी शेयर बाजार 1978 से1991 के दौरान 2000 से 37000 तक चला गया, जो कि 18 गुना है।
भारत की यात्रा पिछले साल 2.4 ट्रिलियन डॉलर से शुरू हुई थी, जब निफ्टी 7500 पर था और हम इसे आधार के रूप में लेते हैं, जो पिछले 15 महीनों में सबसे कम है। 3 बड़े देशों के आंकड़ें देखने के बाद हम सोच सकते हैं कि लाभ 4x, 15x और 18x तक जा सकता है।
एक सेफ साइड लेते हुए हमने 7500 का निचला स्तर आधार माना है और 4x का निम्नतम लाभ परिदृश्य लिया है। इसका मतलब है कि हम अगले 4 से 5 वर्षों में निफ्टी को कम से कम 30,000 तक ले जा सकते हैं और उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी।