अवैध पुलों की पैरोकारी में आगे आए ग्रामीण
बांदा,संवाददाता। अवैध पुलों की पैरोकारी भी की जा रही है। खप्टिहा कलां में खंड संख्या 100ध्3 खदान के पास केन नदी में बने पुल के बारे में गांव के चुन्नू निषाद, पुत्तन निषाद, रज्जू यादव का कहना है कि गर्मी में नदी का पानी कम हो जाने से गांव के लोग इसी पुल के रास्ते से अपने दो पहिया और चार पहिया वाहन निकालकर छनिहा डेरा, सेमरा डेरा, शिवपाल डेरा, कुटी डेरा आदि गांव आते जाते हैं।
यह रास्ता बालू ढुलाई के काम नहीं आता। उधर, पुल में भारी वाहनों के निकलने के लिए डाली गई लोहे की चादरों के बारे में एसडीएम पैलानी रामकुमार ने जांच कराने की बात कही है।
अवैध पुलों के खिलाफ पदयात्रा से जन जागरण अभियान का बिगुल बजाने वाले अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता विजय द्विवेदी का कहना है कि चित्रकूटधाम मंडलायुक्त ने उनकी शिकायत पर मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) को अवैध खनन, ओवर लोडिंग और नदियों पर बने अवैध पुलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश मंडल के चारों जनपदों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा के जिलाधिकारियों को दिए थे।
डेढ़ साल बीत गए किसी जिले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। हैरत की बात यह है कि सीबीआई और ईडी जांच अभी खत्म नहीं हुई है। इसके बाद भी बेखौफ बालू माफिया और खदानों के संचालक अवैध खनन और जलधारा में मशीनों से बालू निकालने जैसे गैर कानूनी कामों में संलिप्त हैं।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को ये अवैध पुल और अवैध खनन नजर नहीं आ रहा उनके खिलाफ भी उनका यह पदयात्रा आंदोलन है। बुंदेलखंड को नेस्तनाबूत करने की साजिश है। बताया कि गुरुवार को बांदा-हमीरपुर की सीमा पर स्थित सिसोलर में पुलों पर पदयात्रा होगी।