सीएम के सख्त आदेश के बाद नहीं बन्द हुई डग्गामारी

भरुआ सुमेरपुर। महज तीन सवारी का परमिट होने के बाद किस तरह से दर्जनों सवारियों को छोटे ऑटो में समाहित किया जाता है। इसका नमूना देखना हो तो आप किसी भी बस स्टैंड में खड़े होकर आसानी से देख सकते हैं। क्योंकि इनके अंदर किसी तरह के नियम कानून का खौफ ही नहीं है।

और यह नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से सवारियां ढों रहे हैं। सीएम का सख्त आदेश भी अवैध बस अड्डो तथा डग्गामारी में अंकुश नहीं लगा सका है। परिवहन विभाग ऑटो  एवं आपे को तीन सवारियां ढोने का परमिट प्रदान करता है। लेकिन इस तीन के नियम को किस तरह से ऑटो एवं आपे चालक बनाते हैं।

इसका नमूना आप किसी भी बस स्टैंड में खड़े होकर आसानी से देख सकते हैं। गत माह मुख्यमंत्री ने अवैध टैम्पों टैक्सी स्टैंड के खिलाफ अभियान चलाने के आदेश दिए थे। लेकिन मुख्यमंत्री का यह आदेश महज खानापूर्ति बनकर रह गया। आज भी कस्बे में पूर्व की भांति हाईवे के बस स्टैंड में दो अवैध अड्डे चल रहे हैं।

बांदा मार्ग में अड्डा चलने से लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं। एक स्टैंड देवगांव चौराहा तथा एक स्टैंड नेहा चौराहा में अवैध रूप से चल रहा है। जहां से दिनभर भूसे की तरह सवारियां ढोई जा रही हैं।

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