हिंसा की मंशा

वैसे तो भारत व बांग्लादेश के रिश्ते सांस्कृतिक विरासत के चलते अन्य पड़ोसी देशों के मुकाबले बेहतर रहे हैं, लेकिन विश्वव्यापी कट्टरपंथी लहर के पोषक बांग्लादेश में भी कम नहीं हैं, जो गाहे-बगाहे अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले करके रिश्तों को खराब करने की कोशिश करते हैं।

इसके पीछे जहां धार्मिक कट्टरता रही है वहीं प्रगतिशील नीतियों वाली अवामी लीग की मुखिया शेख हसीना के विरोधी भी राजनीतिक लाभ के लिये ऐसी हरकतों से बाज नहीं आते। हाल ही में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप लगाकर अल्पसंख्यक हिंदुओं व दुर्गा पूजा पंडालों पर जैसे हमले हुए, वे किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगते हैं।

दरअसल, कुछ पाक परस्त लोग सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़कर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। इन दंगों में पांच अल्पसंख्यकों की हत्या हुई और काफी लोग घायल हुए हैं। हालांकि, धर्मनिरेपक्ष विचारों की पक्षधर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने को कहा और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की है।

बड़ी संख्या में संदिग्धों की गिरफ्तारी भी गई। विगत में भी कट्टरपंथियों ने ऐसे हमले करवाये, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निबटी। लेकिन इसके साथ ही शेख हसीना ने भारत के सत्ताधीशों को नसीहत दी है कि धार्मिक मामलों में संवेदनशीलता जरूरी है। भारत को भी देखना होगा कि देश में धर्म के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नजर न आये। भारत में होने वाली घटनाओं की प्रतिक्रिया बांग्लादेश के हिंदुओं को झेलनी पड़ती है।

विडंबना ही है कि हसीना सरकार की सख्ती और समय रहते कार्रवाई के बाद भी उपद्रवी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को नोआखाली के इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले व तोड़फोड़ में पांचवीं जान गई। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में चरमपंथी समूह दोनों संप्रदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका पता सरकार की सख्ती के बावजूद जुम्मे की नवाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों से चलता है।

इस्कॉन ने भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा निश्चित करने और दोषियों को सजा देने की मांग की है। सरकार ने 34 जिलों में अर्द्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश तथा रैपिड एक्शन बटालियन तैनात कर दी है। लगता है इन हमलों के पीछे हताश राजनीतिक ताकतों का भी हाथ है जो शेख हसीना को भारत का करीबी बताते रहे हैं।

हसीना ने आश्वासन दिया है कि उपद्रवी जिस भी धर्म के होंगे, उन्हें ढूंढ़ लिया जायेगा और सजा दी जायेगी। दरअसल, शेख हसीना अल्पसंख्यक हिंदुओं को पर्याप्त संरक्षण देते रही हैं और दुर्गापूजा के अवसर पर भी वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राजधानी स्थित ढाकेश्वरी दुर्गा मंदिर पूजा में शामिल हुई थीं।

यही नहीं, वर्ष 2018 में दुर्गा पूजा के अवसर पर इस प्रतिष्ठित मंदिर को 1.5 बीघा जमीन भी दी थी। वहीं हाल के दिनों में पाकिस्तान में कई मंदिरों को निशाना बनाया गया, लेकिन पुलिस-प्रशासन हमलावरों का बचाव करता नजर आया। पाक के सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हमलावरों से मंदिर निर्माण खर्च वसूलने के निर्देश दिये हैं।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker