पिंटू सेंगर का आपराधिक इतिहास भी है काफी लंबा, कई थानों में दर्ज हैं करीब 28 मुकदमे

छात्र राजनीति से समाजवादी पार्टी से दलीय राजनीति शुरू करके बसपा का दामन थाम चुके पिंटू सेंगर का आपराधिक इतिहास भी काफी लंबा है। कानपुर के कई थानों में उनपर करीब 28 मुकदमे दर्ज हैं। कानपुर देहात के गोगूमऊ के रहने वाले पिंटू ने अपनी मजबूत पकड़ से मां और पिता को भी राजनीतिक लाभ हासिल कराया था। आपराधिक इतिहास वाले इस पिता की बेटी अब अधिकारी बन गई और इस समय ट्रेनिंग पर है।

सबसे ज्यादा चकेरी थाने में केस

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पिंटू पर चकेरी, किदवईनगर, हरबंशमोहाल, बाबूपुरवा और कोहना में कुल 28 मुकदमे दर्ज हैं, इनमें 22 मुकदमे अकेले चकेरी थाने में हैं। पहला मुकदमा वर्ष 1990 में मारपीट व बलवा की धाराओं में चकेरी थाने में लिखा गया था। वर्ष 1996 में किदवई नगर में हुई हत्या में उनका नाम आया और मुकदमा दर्ज होने के बाद पिंटू को जेल जाना पड़ा था। उनके खिलाफ हत्या का एक, हत्या के प्रयास के चार, रंगदारी के दो मुकदमों के अलावा गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, 7सीएलए और मारपीट के कई मुकदमे हैं। धोखाधड़ी की धारा में आखिरी मुकदमा वर्ष 2010 में चकेरी थाने में दर्ज हुआ था। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक 28 मुकदमों में चार में वह दोषमुक्त हो चुके हैं।

पीसीएस-जे पास कर चुकी है बेटी

पिंटू सेंगर के परिवार का आपराधिक जीवन से दूर दूर तक नाता नहीं है। परिवार में उनकी पत्नी नीलम और बेटी अपर्णा है। स्वजन ने बताया कि उनकी बेटी ने हाल ही में पीसीएस-जे की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्तमान वह ट्रेनिंग पर गई हुई है। पिंटू चार भाइयों में सबसे बड़े थे। भाई धर्मेंद्र सिंह एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हुए हैं और देवेंद्र सिंह सेना में हैं, उनकी तैनाती अंबाला में है। सबसे छोटे भाई शैलेंद्र उर्फ डब्बू शहर में प्रतिरक्षा कर्मी है, मां जिला पंचायत सदस्य हैं तथा पिता सोनेलाल सिंह प्रधान हैं।

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