MP: कारम डैम के बाद अब 41 करोड़ की लागत से बनी हरपुरा नहर टूटी

दिल्लीः  धार के कारम डैम के टूटने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ था कि सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा टीकमगढ़ में बनाई गई हरपुरा नहर बोरी गांव के पास टूट गई, जिससे लगभग 50 एकड़ में लगी फसल खराब हो गई. 10 साल पहले इस नहर का निर्माण भी सारथी कंट्रक्शन कंपनी ने किया था जिसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 14 तालाबों तक पहुंचाना था पानी लेकिन महज 4 तालाबों तक ही इस नहर से पानी पहुंच पाया है. जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने 41 करोड़ की लागत से बनने वाली हरपुरा नहर का भूमि पूजन किया था. इस परियोजना से 14 तालाबों को जोड़कर भरा जाना था. इस नहर के साथ ही तालाबों को भरने और पाइप डालकर सिंचाई के संसाधनों का विस्तार किया जाना था. पहली टेस्टिंग में ही यह निर्माण कार्य फेल हो गया. यह देश की पहली नदी से तालाब जोड़ने की परियोजना थी. इसका यह खामियाजा अब यहां के किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

दरअसल, बुंदेलखंड के टीकमगढ़ की बंजर भूमि को फिर से हरा-भरा करने के लिए वर्ष 2016 में नदी से तालाब को जोड़ने की योजना को शुरू किया गया था जिसको लेकर पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया गया. 41 करोड़ की लागत से हरपुरा मडिया नहर परियोजना शुरू की गई. जिले के 14 चंदेल कालीन तालाबों तक इस नहर के माध्यम से पानी पहुंचना था लेकिन यह पूरा प्रोजेक्ट फेल हो गया. चंदेल कालीन तालाब आज भी सूखे पड़े रहते हैं. जब भी इस नहर से तालाबों के लिए पानी छोड़ा जाता है तो यह जगह-जगह से टूट-फूट जाती है और खेतों में पानी भरने लगता है जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है.

किसानों का कहना है कि जब भी नहर से पानी छोड़ा जाता है तो यह जगह-जगह से टूट जाती है. खेतों में पानी भर जाता है और फसलें खराब हो जाती हैं. लगभग 50 एकड़ की फसल इस नहर के टूटने से खराब हो गई. कार्यपालन यंत्री (सिंचाई विभाग) आरएन यादव का कहना है कि नए टूट गई है इसकी मरम्मत का कार्य जल्दी शुरू किया जाएगा. 11 करोड़ की लागत से अब नए सिरे से इस नहर का मेंटेनेंस किया जाएगा जिसको लेकर टेंडर भी डल चुके हैं.

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