सूकर बाड़ों की सतत निगरानी, दवा का छिड़काव

हमीरपुर। प्रदेश के कई जनपदों में सूकरों में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) की पुष्टि के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने सूकर पालकों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। पशु चिकित्सकों की टीमें सूकर बाड़ों का भ्रमण कर दवा का छिड़काव करा रही हैं।

विभाग का दावा है कि जनपद में किसी भी सूकर में जेई जैसे लक्षण नहीं हैं और न ही किसी का सैंपल जांच को भेजा गया है। सूकर पालकों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जनपद के 143 ग्राम पंचायतों में सूकर बाड़े हैं और करीब 414 लोग सूकर पालन कारोबार में लगे हुए हैं।

इधर, लखनऊ में एक साथ बड़ी संख्या में सूकरों की मौत और मऊ, संत कबीर नगर, आजमगढ़, बलिया में बड़ी संख्या में सूकरों के जेई पॉजिटिव मिलने के बाद से पशु चिकित्सा विभाग भी अलर्ट हो गया है। हालांकि जनपद में जेई के केसों की आज तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर पशु चिकित्सा विभाग ने सूकर पालकों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डा. देवेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में अभी किसी भी सूकर के अचानक मरने या बीमार होने की खबर नहीं है और न ही यहां जेई का कोई पुराना रिकार्ड है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में हर साल इस मौसम में जेई के केस मिलने की वजह से यहां भी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

पशु चिकित्सकों की टीमें सूकर पालकों को जागरूक कर रही हैं। सूकर बाड़ों की साफ-सफाई के साथ ही दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। कोई भी संभावित जेई ग्रसित सूकर भी नहीं मिला है, इसलिए किसी का सैंपल भी नहीं भेजा गया है।

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