महाराष्ट्र में बारिश के चलते कई बांध और जलाश्यों में पानी खतरे के निशाने के ऊपर,अब तक 104 लोगों की मौत

दिल्ली :

महाराष्ट्र में 1 जून को मानसून के आगमन के बाद से बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 104 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रविवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. प्राधिकरण ने कहा कि एक जून से 16 जुलाई के बीच यह मौतें हुईं और इनमें से 2 लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में- एक जलगांव और एक अमरावती जिले में हुई.

रिपोर्ट में मौत के लिए बाढ़, आकाशीय बिजली, भूस्खलन, पेड़ों की कटाई और अन्य कारणों को वजह बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में दो गांव भारी बारिश से प्रभावित हुए और तीन लोग लापता हैं. पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण राज्य में कहीं से भी किसी को निकाला नहीं गया है. राज्य में मुंबई तथा आसपास के क्षेत्रों में मध्यम बारिश हुई. एक सप्ताह से अधिक समय तक भारी बारिश के बाद, राज्य में वर्षा नहीं हुई.

रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण मुंबई की कोलाबा वेधशाला में 12.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि सांताक्रूज वेधशाला में पिछले 24 घंटे में 23.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. रत्नागिरी जिले में पिछले एक दिन में औसत 20.1 मिलीमीटर वर्षा हुई और मुंबई-गोवा राजमार्ग पर परशुराम घाट को यातायात के लिए बंद कर दिया गया.

उधर महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में जुलाई में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश के बांधों में पिछले 15 दिनों में सामूहिक जल भंडार दोगुना हो गया है. राज्य के जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एक जुलाई को बांधों में पानी की कुल भंडारण क्षमता 24.07 प्रतिशत थी, लेकिन शुक्रवार शाम को यह बढ़कर 53.73 प्रतिशत हो गई. वहीं कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र के अधिकतर इलाकों, मराठवाड़ा, विदर्भ और राज्य के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश से बांधों में पानी बढ़ गया है और कई छोटे जलाशय भी पानी से लबालब हैं. मौसम विभाग ने फिर महाराष्ट्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.

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