अमेरिका में मिल रही मंदी की आहट , इकोनॉमी पर पड़ेगा असर

दिल्ली: अमेरिका की अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है। अमेरिका में महंगाई 41 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसकी वजह से इस महीने के अंत तक फेडरल रिजर्व बैंक 100 बेसिस पॉइंट यानी 1% की दर से रेट बढ़ा सकती है। डेटा से पता चलता है कि एनर्जी, फूड और घर बनाना महंगा होने से अमेरिकी का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स एक साल पहले 8% के मुकाबले जून में 9.1% तक पहुंच गया है।

करीब 90% कंपोनेंट में 3% से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई
बढ़ती महंगाई ने चिंताएं पैदा कर दीं हैं। इससे फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) पहले से अनुमानित 75 बेसिस पॉइंट के मुकाबले 100 बेसिस पॉइंट की भारी वृद्धि कर सकती है। AMP के चीफ अर्थशास्त्री शेन ओलिवर ने रॉयटर्स को बताया कि CPI के बढ़ते आंकड़ो के मुताबिक अमेरिका CPI के करीब 90% कंपोनेंट में 3% से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई।

शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) फेड वॉच टूल पर 100 बेसिस बढ़ने की 78% चान्स का संकेत दिया। लेकिन ट्रेजरी यील्ड कर्व से बाहर निकल गया, हालांकि इस बीच डॉलर में भी उछाल आया, दो दशकों में पहली बार यूरो को ग्रीनबैक के साथ समता से नीचे भेज दिया।

अमेरिकी की दो साल की यील्ड बढ़कर 3.121% हुई
अमेरिकी की दो साल की यील्ड, जिससे कम इंटरेस्ट रेट की उम्मीद थी वह बढ़कर 3.121% हो गई। जो चार हफ्ते के 2.9558% उच्च स्तर से कम रही। इससे लंबी अवधि के बेंचमार्क से 10 साल की यील्ड के साथ अंतर बढ़ गया। एक इनवर्टेड यील्ड कर्व, जिसमें लंबे समय के बॉण्ड्स पर प्राप्ति, शॉर्ट टर्म बॉण्डों की तुलना में कम होती है, जो आर्थिक मंदी की ओर संकेत करता है।

समान क्रेडिट क्वॉलिटी वाले शॉर्ट टर्म लोन पर यील्ड से कम लॉन्ग टर्म लोन पर यील्ड में गिरावट को इन्वर्टेड यील्ड कर्व कहा जाता है। इन्वर्टेड यील्ड जिसे नकारात्मक उपज वक्र के रूप में भी जाना जाता है, पहले मंदी के अपेक्षाकृत विश्वसनीय लीड प्रेडिक्टर साबित हुआ है।

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