जलकुंभी व अतिक्रमण के कारण तालाब का अस्तित्व खतरे में, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

उरई/जालौन जालौन के कालपी क्षेत्र के ग्राम नियामतपुर में कई सालों से तालाब की सफाई न होने से इसमें जलकुंभी जम गई है। साथ ही लोगों ने इसके चारों तरफ अतिक्रमण कर रखा है। इससे इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

लोगों ने इसकी शिकायत डीएम से की है। एक ओर शासन गांवों का जलस्तर सुधारने व पानी की समस्या दूर करने के लिए अमृत सरोवर बनवा रहा है, वहीं दूसरी ओर जो तालाब गांव में हैं और उनमें पानी भरा है उनकी सफाई व अतिक्रमण हटवाने पर ध्यान नहीं दे रहा है।

जिले के 920 राजस्व गांवों में एक-दो तालाब जरूर हैं। साथ ही 574 ग्राम पंचायतों में सिर्फ 75 अमृत सरोवर बनवाए जा रहे हैं। हालत यह हैं कि जिन गांवों में तालाब पहले से खुदे हैं। अगर उनकी सफाई कराकर स्वच्छ जल भरवा दिया जाए तो शायद हर गांव की पानी समस्या समाप्त हो सकती है। महेवा ब्लाक के ग्राम नियामतपुर में 12 हजार की आबादी है।

इस गांव में तीन तालाब बने हैं, लेकिन उनकी सुध कोई नहीं लेता है। लोगों ने इन तालाबों के चारों तरफ अतिक्रमण कर लिया है। जिससे इनका अस्तित्व खतरे में है। संतोष यादव, रामबाबू, नरेश, बलवीर पांचाल, रमेश दोहरे ने जिलाधिकारी से गांव के तालाबों का अतिक्रमण हटवाने व सफाई कराने की गुहार लगाई है।

जिससे गर्मी के मौसम में पानी मिल सके। खंड विकास अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह ने कहा कि जांच आख्या तलब कर जिलाधिकारी को भेजी जाएगी और तालाबों की सफाई कराने के लिए योजना बनाई जाएगी।

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