भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में मनाया गया डा. मुखर्जी का स्मृति दिवस
हमीरपुर। डा. मुखर्जी इस प्रण पर सदैव अडिग रहे कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग है। उन्होंने सिंह-गर्जना करते हुए कहा था कि एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान, नहीं चलेगा नही चलेगा।
समान नागरिक संहिता बनाने की बात करने वालों ने भी कभी पलट कर ये नहीं जानना चाहा कि किस ने और क्यों मारा कश्मीर के रक्षक श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को. उस समय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में यह प्रावधान किया गया था कि कोई भी भारत सरकार से बिना परमिट लिए हुए जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता।
डा. मुखर्जी इस प्रावधान के सख्त खिलाफ थे। 23 जून को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर यह कार्यक्रम मनाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता के रूप में रामनरेश तिवारी राष्ट्रीय मंत्री भारतीय जनता पार्टी किसान मोचार्, विशिष्ट अतिथि जिला प्रभारी रंजना उपाध्याय, सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति, राठ विधायक मनीषा अनुरागी, जिला पंचायत अध्यक्ष जयंती राजपूत, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान, जिला अध्यक्ष बृज किशोर गुप्ता, चेयरमैन कुलदीप निषाद, गणेश यादव क्षेत्रीय महामंत्री पिछड़ा मोर्चा, शिव प्रकाश सिंह, रामदेव सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, सुरेंद्र तिवारी, किशन व्यास, रोहित शिवहरे, संतराम गुप्ता, नीलम बाजपेई, राधा चैरसिया, मीना यादव एवं जिला पदाधिकारी एवं मोर्चों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।