कश्मीर पर पूछे गये सवाल पर लोगो ने जताई नाराज़गी,दो विशेषज्ञों को किया गया ब्लैकलिस्ट
दिल्लीः मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने रविवार को राज्य सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक पेपर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, दरअसल इसमें एक सवाल था कि क्या कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप दिया जाना चाहिए?
विवाद के बाद एक्शन लेते हुए एमपीपीएससी ने प्रश्न रद्द कर दिया और साथ ही दो विशेषज्ञों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इसमें दो विकल्प दिए गए थे। पहला हां, क्योंकि यह भारत के पैसे बचाएगा और दूसरा विकल्प नहीं, क्योंकि इससे और अधिक मांगें उठेंगी। आंसरशीट के मुताबिक दूसरा विकल्प सही जवाब है। एक परीक्षार्थी, नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उत्तर स्पष्ट था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें यह सवाल पूछने के पीछे का कारण समझ में नहीं आया।’
वहीं, विपक्षी कांग्रेस नेता अजय यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपने के बारे में सोचना भी आपत्तिजनक है। उन्होंने पेपर सेट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर भारत का गौरव है। यह सोचना भी बेहद आपत्तिजनक है कि यह (कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपना) पैसे बच सकता है। यहां तक कि सही जवाब भी आपत्तिजनक है। यह इसी तरह की मांगों को रोकने के बारे में नहीं होना चाहिए (अलगाव के लिए)…भारत के लोगों को बेहतर जीवन दें।’
कांग्रेस ने मांग की कि विशेषज्ञ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा ब्लैकलिस्ट किए गए एक्सपर्ट में एक महाराष्ट्र और दूसरा मध्य प्रदेश से हैं। एक जांच के आदेश भी दिए गए हैं कि जांच समिति विवादास्पद प्रश्न को देखने में विफल क्यों रही और प्रश्न को रद्द कर दिया गया है।
एमपीपीएससी के मीडिया कोऑर्डिनेटर रवींद्र पंचबाई ने कहा, ‘मानदंडों के अनुसार, आयोग विशेषज्ञों के नामों का खुलासा नहीं कर सकता है, लेकिन दो विशेषज्ञों को आजीवन काली सूची में डाल दिया गया है। एमपीपीएससी ने अन्य आयोगों और उच्च शिक्षा विभाग को भी उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए लिखा है। हम उन संस्थानों को भी सूचित किया है जहां वे कार्रवाई करने के लिए काम कर रहे हैं।’
पंचबाई ने कहा कि जांच के आदेश दिए गए हैं कि जांच समिति इस आपत्तिजनक प्रश्न को रोकने में विफल क्यों रही। हालांकि, पंचबाई ने कहा कि एमपीपीएससी के अधिकारियों का पेपर और उसके सवाल से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, ‘विषय एक्सपर्ट द्वारा प्रश्न दिए जाने के बाद एक्सपर्ट की एक समिति प्रश्न पत्र को अंतिम रूप देती है। गोपनीयता बनाए रखने के लिए एमपीपीएससी को परीक्षा पत्रों का एक सीलबंद लिफाफा में होता है और यह सीधे छपाई के लिए जाता है। एमपीपीएससी के किसी भी अधिकारी को परीक्षा से पहले पेपर देखने की अनुमति नहीं है।