पंचायत चुनावों की जल्द हो सकती है घोषणा

दिल्लीः मध्यप्रदेश में एक बार फिर पंचायत चुनाव टलते हुए नजर आ रहे है। खबरों के मुताबिक तीन चार महीनों में सूबे के स्थानीय चुनाव संपन्न कराना मुश्किल नजर आ रहे है।  इसके पीछे की वजह  इलेक्शन कमीशन ने वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना, हटवाना और सुधार करने का आदेश हाल ही में जारी किया है। चुनावों से लेकर अंतिम मतदाता सूची अप्रैल माह के अंत में जारी होगी। इसके बाद चुनावी तारीखों की घोषणा की जाएगी। आचार संहिता और चुनाव से जुड़ी तैयारियों में करीब एक या दो माह का वक्त लगा तो चुनाव संभावित जुलाई या अगस्त में संपन्न हो सकते है। इस समय शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश संबंधित प्रक्रिया जोरों पर होती है, जिनमें शिक्षा विभाग के शिक्षक अत्यधिक व्यस्त होते है। और सत्र का शुरूआती समय भी होता है। इसी के चलते ये अनुमान लगाया जा सकता है, चुनाव आयोग अगस्त माह में चुनावी तारीखों की घोषणा कर सकती है या फिर अत्यधिक तेजी में शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले ही चुनाव संपन्न करा सकता है ताकि बच्चों की शिक्षा पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ें।

राजनैतिक गलियारों में ये कयास लगाए जा रहे  है कि पंचायत स्तर के चुनाव मई जून में हो सकते है। इसे लेकर हर दल  सक्रिय हो चुके है करीब तीन साल से पंचायत चुनाव टलते जा रहे है। एक के बाद एक मसले के बाद अब नगरीय  निकाय, जिला व ग्रामीण  पंचायत के चुनाव कराने की बारी साफ नजर आ रही है। लोकतंत्र प्रणाली में एक समय बाद  चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में गूंजा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा चुनाव लेटलतीफी का प्रमुख कारण बना।  

लेकिन अब आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों को शीघ्र अतिशीघ्र कराने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परिसीमन का काम पूरा होने के बाद वोटर लिस्ट पर काम शुरू कर दिया है वोटर लिस्ट फाइनल होने के बाद फोटोयुक्त वोटर लिस्ट ग्राम पंचायतों में लगाई जाएगी। ऐसे में संभावना जताई जाने लगी है कि जल्द ही राज्य में पंचायत चुनावों का शंखनाद हो जाएगा।

पहले कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में परिसीमन हुआ उसके बाद सरकार बदली और शिवराज सरकार ने आते ही कमलनाथ सरकार में हुए परिसीमन और नियमों को निरस्त कर नए सिरे से परिसीमन करवाया। उसके बाद प्रदेश में स्थानीय चुनावों में ओबीसी आरक्षण चुनाव डालने में रोड़ा बना। कोरोना महामारी, आरक्षण,  सरकारों के कई बदलावों के बाद अब मामला सुलझ गया है और आयोग ने भी पूरी प्लानिंग कर ली है। ऐसे में अब ये अटकलें लगाई जा रही है कि  अप्रैल माह में चुनावों की घोषणा कर जल्द जल्द से चुनाव संपन्न हो।

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