शराबबंदी को लेकर उमा भारती ने फिर कहा, पत्थर एक चेतावनी था

दिल्लीः मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एकबार फिर शराब बंदी पर खुलकर बोला है और जन प्रतिनिधियों को सतर्क रहने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शराब दुकान पर फेंका गया पत्थर एक चेतावनी थी और यह शुरुआत है। जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने निवाड़ी में यह बात कही है। उन्होंने पत्थर जो उठाकर फेंका है वह प्रतीक है और पहला है वो आखिरी नहीं है। अगर उसे आखिरी बनाना है तो शराब के मामले में जनप्रतिनिधियों को बहुत अच्छा काम करना होगा। पार्षदों, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के अध्यक्षों व विधायकों को बेहद सतर्क रहना होगा। नीचे के जनप्रतिनिधि इसकी अनदेखी बिलकुल नहीं करें। वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो यह बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लेगा।

गौरतलब है कि शराब बंदी को लेकर पिछले दिनों उमा भारती ने आक्रामक तेवर दिखाए थे। भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र तरावली मंदिर के पास स्थित एक शराब की दुकान के बाहर उन्होंने लोगों की राय ली जिसे हटाने के लिए लोगों ने मांग की तो इसके बाद भारती ने सीएम से मुलाकात में इस पर बात की थी। सीएम से मुलाकात के बाद भारती भोपाल में ही बरखेड़ा पठानी की शराब की दुकान पर पहुंच गई थीं और लोगों से बात की तो सामने आया कि लोग लंबे समय से उसका विरोध कर रहे हैं तो वे पत्थर उठाकर उसमें तोड़फोड़ तक करने पहुंच गई थीं। अब वे इस पत्थर को एक चेतावनी बता रही हैं। 

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