फौजी के घर चोरी मामले में पुलिस मुठभेड़ पर उठे सवाल

बांदा, 08 सितम्बर। शहर में एक फौजी के घर पर चोरों ने धावा बोलकर नगदी व जेवरात के अलावा लाइसेंसी पिस्टल पर हाथ साफ कर दिया था।

पुलिस ने चोरी में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी व मुठभेड़ जिस अंदाज में दिखाई उससे सवालिया निशान उठ रहे हैं।

पुलिस ने विगत चार सितम्बर को कृषि विश्वविद्यालय के पास हिस्ट्रीशीटर और 25 हजार के इनामी अमित उर्फ अंतु सोनी निवासी नोनिया मोहाल को दिनदहाड़े मुठभेड़ में गोली मारकर घायल करने के बाद गिरफ्तारी दिखाई और दावा किया की आरोपी ने फौजी के घर से चुराई गई पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग की थी।

पुलिस द्वारा यह भी दावा किया गया था मुठभेड़ के दौरान उसका एक साथी भाग निकलने में सफल हो गया, इसमें भागने वाले बदमाश का नाम भी बताया गया था।

इस घटना के दो दिन बाद पुलिस ने नरैनी के पास मुठभेड़ में शहर कोतवाली अंतर्गत चमरौडी मोहल्ले में रहने वाले राशिद को भी पैर में गोली मारकर घायल किया और दावा किया कि यह अभियुक्त भी चोरी में शामिल था।

उसके कब्जे से बीस हजार रूपये नगद और कुछ जेवरात बरामद हुए। जबकि राशिद की पत्नी नुसरत और मां सन्नो ने पुलिस मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं।

बताया कि राशिद इलाज कराने कानपुर गया था। वहां मछरिया में रुका था। दो सितम्बर की रात को एसओजी पकड़कर अपने साथ ले आई।

कोतवाली में पता किया तो पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। तब चार सितम्बर को डीजीपी और आईजी को प्रार्थनापत्र भेजकर एसओजी द्वारा गम्भीर अपराध में फंसाने की आशंका जताई थी।

इसके बावजूद पुलिस ने नहीं सुनी और सोमवार की रात मुठभेड़ में गोली मारकर गिरफ्तारी दिखा दी। नुसरत ने आरोप लगाया कि राशिद पुलिस के कब्जे में दो सितम्बर से था।

फिर भी पुलिस ने मुठभेड़ दर्शा दिया। परिजनों ने बताया कि राशिद का अंतू सोनी से कोई खास व्यवहार नहीं रहा।

बताते चलें कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के यहां आने के बाद जेल हाई सिक्योरिटी में तब्दील हो गई है। यहां जेल में अस्थायी रूप से सफाई करने वाले खाईंपार निवासी अनिल कुमार को भी एसओजी ने उठाया था।

सूबेदार के घर से पिस्टल चोरी मामले में अनिल भी एसओजी की नजर में था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को उसके घर से काफी कारतूस मिले। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे आर्म्स एक्ट में जेल भेज दिया है।

सफाई कर्मी अनिल कुमार की पत्नी ने घटना वाले दिन भी कोतवाली और पुलिस ऑफिस पहुंचकर अपने पति के अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपहरण करने की जानकारी दी गई थी लेकिन इस पर पुलिस ने किसी तरह का एक्सन नहीं लिया और न ही पुलिस द्वारा इस बात की जानकारी दी गई कि तुम्हारे पति को किसी मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

हालांकि बाद में पुलिस ने उसके पास से कुछ कारतूस बरामदगी दिखाकर आर्म्स एक्ट में जेल भेज दिया। फौजी के घर हुई चोरी में शामिल अभियुक्तों को पुलिस पकड़ने में कामयाब रही लेकिन जिस ढंग से मुठभेड़ की घटनाएं दर्शाई गई हैं, उस पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

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